अखिलेश अखिल
कर्नाटक और मध्यप्रदेश पर बीजेपी की ख़ास नजर है। किसी भी सूरत में बीजेपी को इन दोनों राज्यों में जीत हासिल करनी है और ठीक यही कहानी कांग्रेस की भी है। कांग्रेस भी किसी भी सूरत में इन दोनों राज्यों में सत्ता में लौटना चाहती है और उस दिशा में काम भी कर रही है। ऐसे में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की नजर अब मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर पड़ी हुई है। शाह मानकर चल रहे हैं कि छिंदवाडा को भी कमलनाथ से छीन लिया जाए तो सूबे की सभी 29 सीटों पर कब्जा किया जा सकता है। पिछले चुनाव में मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों में से 28 सीट पर बीजेपी की जीत हुई थी।
ये दोनों राज्य ऐसे हैं जहां सरकार तो अभी बीजेपी की है लेकिन कांग्रेस भी कम नहीं। यह बात और है कि इन दोनों राज्यों में पहले कांग्रेस की सरकार बनी बनी थी जिसे बाद में बीजेपी ने खेला करके अपनी सरकार बनाने में सफल हो गई। कर्नाटक और मध्यप्रदेश में इस साल ही चुनाव है और कांग्रेस की घेरेबंदी से बीजेपी की परेशानी भी बढ़ी है। ये दोनों राज्य कांग्रेस के लिए भी काफी अहम् है। बता दें कि मध्यप्रदेश और कर्नाटक हिंदुत्व का सबसे बड़ा अखाड़ा भी है संघ की जमीन यहां काफी उर्वर है।
अमित शाह 19 मार्च को छिंदवाड़ा जा रहे हैं। वहाँ उनके कई कार्यक्रम हैं। कई बैठके तो है ही बड़ी रैली का भी आयोजन है। छिंदवाड़ा के जरिये ही इलाके की कई सीटों पर भी शाह की दुदुम्भी बजनी है। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा कमलनाथ का ऐसा किला है जिसे अब तक कोई नहीं जीत सका है। सिर्फ एक बार को छोड़कर कमलनाथ ही लगातार यहां से सांसद और अब विधायक हैं। संसदीय सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद है।
मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां लगातार विन्ध्य क्षेत्र सहित आदिवासी बेल्ट में सक्रिय हैं। भाजपा की नजर इस बार छिंदवाड़ा में सेंध लगाने की है। प्रदेश में 2019 में हुई लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 सीटों में 28 भाजपा ने जीती थी, लेकिन छिंदवाडा़ की एक सीट कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ जीत पाए थे। भाजपा इस सीट को भी जीतने की कोशिश करने वाली है।
अमित शाह के जरिए भाजपा ने छिंदवाड़ा में किलेबंदी शुरू कर दी है। 19 मार्च को अमित शाह छिंदवाड़ा आएंगे। अमित शाह छिंदवाड़ा के जरिए बैतूल, हरदा और महाकौशल के मंडला, डिंडोरी तक के लोगों को साधने की कोशिश करेंगे। इन क्षेत्रों में आदिवासी वोटर्स की संख्या ज्यादा है। आदिवासी बेल्ट में भाजपा का यह बड़ा और अहम दौरा माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनवा से पहले बड़े नेताओं के दौरे बढ़ने लगे हैं। पार्टियां मध्यप्रदेश के जरिए अन्य राज्यों पर भी फोकस किया जाता है। भाजपा इस बार आदिवासी क्षेत्रों में भी सक्रिय हो गई है। 2018 में हुए चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद्य किला है, इसे यदि भाजपा जीत लेती है तो यह भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।