विकास कुमार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर उनका पहले का रुख बदल गया है और वह इस पर सकारात्मक रूप से पुनर्विचार करेंगे। पवार ने कहा कि सरकार वेतन, पेंशन राशि और राज्य के वित्त पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहती है। पवार ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ओपीएस के मुद्दे पर पहले ही प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं।ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर मासिक पेंशन मिलती थी और इसमें कर्मचारियों को अंशदान देने की कोई जरुरत नहीं थी। नई पेंशन योजना के तहत सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन का दस फीसदी योगदान देता है और राज्य सरकार भी उतना ही योगदान करता है।
वहीं ओल्ड पेंशन स्कीम पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने ओपीएस के प्रति अपना विरोध जताया था,जब मैं पहले राज्य का वित्त मंत्री था तो मैंने भी एक सत्र के दौरान ऐसी ही बातें कही थीं लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार, केंद्र इस लंबित मुद्दे को हल करने के बारे में सोच रहा है। जिससे लोगों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा,केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है। सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और मैं पहले ही ओपीएस के मुद्दे पर प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं। हम वेतन, पेंशन राशि और राजकोष पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं।
अगर लोकसभा चुनाव से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा तूल पकड़ रहा है,अगर सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेगी तो इसका राजनीतिक फायदा जरूर मिलेगा।