विकास कुमार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने चाचा शरद पवार को मनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए अजित पवार ने शरद पवार से पुणे में गुपचुप मुलाकात की है। एक कारोबारी के घर पर हुई यह बैठक बेहद गुप्त थी। हालांकि जब मीडिया को जानकारी हुई तो अजित पवार वहां से छिपकर निकल गए। इस ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में एनसीपी नेता जयंत पाटिल भी मौजूद थे। अजित पवार ने इस मुलाकात पर बयान दिया है,उन्होंने कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को तरह-तरह का प्रचार दे रहा है, जिससे भ्रम पैदा हो रहा है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।
वहीं कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री की मानें तो, अजित पवार ने शरद पवार के साथ अपनी ‘गुप्त बैठक’ के दौरान दो प्रस्ताव दिए। इन प्रस्तावों का मकसद शरद पवार को 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को समर्थन देने के तैयार करना था। नाम ना छापने की शर्त पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तावों के बारे में भी बड़ा खुलासा किया है। उनके मुताबिक, अजित ने अपने चाचा शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री या नीति आयोग का अध्यक्ष बनने का ऑफर दिया है। वहीं सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल को क्रमशः केंद्र और राज्य सरकार में समायोजित किया जाएगा,लेकिन शरद पवार ने इन दोनों प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिया है। शरद पवार किसी भी तरह से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस गुप्त मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को पवार साहब ने बनाया, शरद पवार को अजित पवार ने नहीं बनाया। 60 साल से भी ज्यादा समय पवार साहब संसदीय राजनीति में बिता चुके हैं। वे चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। शरद पवार का कद बहुत बड़ा है,ये जूनियर लोग हैं, ये क्या ऑफर देंगे?
बीजेपी आलाकमान को पता है कि बिना शरद पवार का साथ लिए वे महाराष्ट्र में 35 लोकसभा सीट नहीं जीत सकते हैं। इसलिए बीजेपी आलाकमान किसी भी कीमत पर शरद पवार को अपने खेमे में लाना चाहते हैं,लेकिन शरद पवार ने बार बार ये साफ किया है कि वे किसी भी सूरत में बीजेपी का साथ नहीं देंगे।