विकास कुमार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शिंदे सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। पवार ने शिक्षा में मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव रख दिया है,अजित पवार की इस मांग से उनके सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ गई है। इस मुद्दे पर एक ओर जहां शिवसेना शिंदे गुट चुप है तो वहीं बीजेपी के लिए भी असमंजस भरी स्थिति पैदा हो गई है। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अभी तक इस मांग पर कुछ कहा नहीं है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी, धार्मिक आधार पर कोटा के खिलाफ रही है। ऐसे में पार्टी के लिए अजित पवार के लिए ये मांग किसी असमंजस से कम नहीं है।
वहीं अजित पवार ने बैठक में कहा कि अब्दुल सत्तार और हसन मुशरिफ की राय थी कि मुस्लिमों को आरक्षण मिले। पवार ने कहा कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने रखूंगा और आगे का रास्ता तलाशने की कोशिश करेंगे। अजित पवार ने हाल ही में भरोसा दिया था कि आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमानों के लिए एक विशेष पैकेज पर भी विचार करेंगे। हालांकि, अभी तक शिंदे और बीजेपी की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। खासकर मराठा और धनगर आरक्षण की मांग के बीच मुस्लिमों के लिए कोटा बढ़ाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
एनसीपी के अजित पवार गुट की नजर महाराष्ट्र के मुस्लिम वोटों पर है इसलिए मुस्लिमों को खुश करने के लिए अजित पवार ने ये मांग सरकार से की है। शिक्षा में मुस्लिम कोटा का विचार 2014 में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने दिया था। अब अजित पवार इस मुद्दे को उठाकर मुस्लिमों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन एकनाथ शिंदे और बीजेपी जैसी सहयोगी दल शायद ही अजित पवार की इस मांग को स्वीकार करे।