उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन फाइनल हो गया है। शनिवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी ओर से इसका ऐलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के तहत 11 सीटें दी है।यह फैसला एक तरफा है या फिर इसमें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की सहमति है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि बातचीत चल रही है और जल्दी ही इसके बहुत सुखद परिणाम सामने आने वाले हैं।
अखिलेश ने एक्स पर किया खुलासा
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर बात पक्की होने का दावा किया है। यह ऐलान करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा कि कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी।हालांकि पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियां में ऐसी अटकलें लग रही थी कि कांग्रेस प्रदेश की 80 में से 23 सीटों पर दावेदारी कर रही है।
2019 के चुनाव में एसपी और कांग्रेस का नहीं था गठबंधन
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख घटकों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों की दावेदारी को लेकर पिछले काफी समय से खींचतान चल रही है। अभी भी कांग्रेस के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने की बात समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से आया है, कांग्रेस के किसी बड़े नेता की तरफ से नहीं।बात अगर 2019 के लोकसभा चुनाव की किया जाए तो तब इन दोनों पार्टियों के बीच कोई औपचारिक गठबंधन नहीं हुआ था। हालांकि अमेठी में राहुल गांधी और रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी के सामने समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतरे थे। 2019 की चुनाव में कांग्रेस यूपी की 80 में से 67 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।उस चुनाव में कांग्रेस पार्टी सिर्फ सोनिया गांधी वाली रायबरेली सीट ही जीत पाई थी,यहां तक की अमेठी में राहुल गांधी भी अपनी सीट हार गए थे।कांग्रेस को कल वोटो का 6.4% वोट ही हासिल हुआ था।
2019 में यूपी में बउआ -बुआ का था गठबंधन
2019 की चुनाव में समाजवादी पार्टी बीएसपी और आरएलडी के बीच गठबंधन हुआ था। तब समाजवादी पार्टी ने 37 बीएसपी ने 38 और आरएलडी ने तीन सीटों पर अपनी उम्मीदवार उतारे थे।गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी में कोई उम्मीदवार नहीं उतरा था।उस चुनाव में समाजवादी पार्टी के हिस्से 18% वोटो के साथ सिर्फ 5 सीटें ही आई थी ।समाजवादी पार्टी सीटों पर दूसरे और एक पर तीसरे स्थान पर रही थी।गौरतलब है की उस चुनाव में बीएसपी 10 सीटें मिली थी। वहीं आरएलडी को उस चुनाव मे कोई सफलता नहीं मिली थी।
कांग्रेस की चाहत के बावजूद एसपी के विरोध से बीएसपी से नहीं हुआ गठबंधन
2024 ईस्वी में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए 28 विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन बना। कांग्रेस इस गठबंधन में मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाजवादी पार्टी को भी शामिल करना चाहती थी, ताकि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन ज्यादा से ज्यादा सीटें प्राप्त कर सके।लेकिन समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के विरोध को देखते हुए ऐसा नहीं हो पाया और बहुजन समाज पार्टी इस गठबंधन से अलग ही रही।