न्यूज़ डेस्क
राहुल गाँधी को सूरत की एक अदालत से सजा मिलने के बाद कांग्रेस अब आर -पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। पहले वह आज विपक्षी दलों के साथ सड़को पर उतरेगी फिर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर ज्ञापन भी देगी। इसके बाद राजयभर में मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी। इसके लिए सभी राज्यों के प्रमुखों के साथ भी आज दिल्ली में अहम् बैठक होने जा रही है।
मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद मुख्य विपक्षी दल ने गुरुवार को बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की और कहा कि वह न केवल कानूनी रूप से बल्कि राजनीतिक रूप से भी इस मामले को लड़ेगी। अदालत के फैसले के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों की एक बैठक बुलाई, जहां यह निर्णय लिया गया कि आज शुक्रवार को विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी सुबह अन्य विपक्षी नेताओं के साथ बैठक करेगी और संसद भवन से विजय चौक तक विरोध मार्च निकालेगी।विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी आज शुक्रवार दोपहर बाद इस मामले को उनके समक्ष उठाने के लिए समय मांगा है।
रमेश ने कहा कि खड़गे के आवास पर बैठक करीब दो घंटे तक चली और यह तय किया गया कि पार्टी अध्यक्ष सभी राज्य इकाई प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे और राज्यों में आंदोलन की योजना बनाएंगे।रमेश ने कहा, “हम इस मुद्दे पर सोमवार को दिल्ली और अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि देश में लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा एक गंभीर राजनीतिक मामला भी है।रमेश ने कहा, “यह मोदी सरकार की प्रतिशोध और धमकी की राजनीति का एक और प्रमुख उदाहरण है। हम कानूनी रूप से और साथ ही राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम इस तरह की राजनीति से झुकेंगे या भयभीत नहीं होंगे और इसे एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे में बदल देंगे।”