बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन को करारा झटका लगा है।पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।महागठबंधन की ओर से RLJP को केवल चार सीटों का प्रस्ताव दिया गया था। इसे पार्टी नेतृत्व ने अपर्याप्त और अस्वीकार्य बताया है।इसी मुद्दे पर रविवार को केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के आवास पर आपात बैठक बुलाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार, RLJP अब नए राजनीतिक विकल्पों की तलाश में है।बताया जा रहा है कि पार्टी के नेता AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से संपर्क बनाये हुए हैं।इन तीनों दलों के बीच बिहार में गठबंधन की बातचीत चल रही है।
पारस ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन में सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहती है और यदि ऐसा नहीं होता तो वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे।आने वाले दिनों में RLJP की अगली रणनीति को लेकर औपचारिक घोषणा कर सकती है।
पशुपति पारस की RLJP और ओवैसी की AIMIM के बीच अगर गठबंधन होती है, तो बिहार में दलित (D) और मुस्लिम (M) वोटों का नया समीकरण उभर सकता है।चुनाव से ठीक पहले यह गठबंधन NDA और महागठबंधन दोनों की रणनीति को प्रभावित करेगा।बिहार विधानसभा का चुनाव 2 फेज में होगा।पहले फेज का मतदान 6 नवंबर और दूसरे फेज का मतदान 11 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
सूत्रों के मुताबिक, पशुपति पारस की पार्टी को लालू यादव ने आरजेडी में विलय होने का प्रस्ताव दिया था।इस वजह से पार्टी के संसदीय दल के नेता सूरजभान सिंह अपने परिवार के साथ आरजेडी में शामिल होने वाले थ।मोकामा सीट से वीणा देवी अनंत सिंह को चुनौती देने वाली थी।पशुपति पारस के महागठबंधन में शामिल नहीं होने के निर्णय से यह तो साफ हो गया है कि अब सूरजभान सिंह आरजेडी में शामिल नहीं होंगे।