रांची (बीरेंद्र कुमार): झारखंड कि हेमंत सोरेन सरकार ने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवसर पर प्रोजेक्ट भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रदेश की जनता को 890 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी गई। किसानों के खाते में 232 करोड रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर विश्वास जताया कि प्रदेश जल्दी ही तरक्की करेगा।
किसानों के खाते में ट्रांसफर हुए 232करोड़
मानसून के इस वर्ष फेल हो जाने की वजह से झारखंड में इस बार किसानों को सूखा का सामना करना पड़ा है।सूखे की इस विकट स्थिति से निबटने के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सूखा राहत योजना चलाया है।अपनी सरकार के 3 साल पूरा होने के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सूखा राहत योजना को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई बार सूखा पड़ा, लेकिन जिस तरह से उनकी सरकार ने किसानों को समय रहते राहत दी है,वैसा आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा राहत योजना के अंतर्गत राज्य के 6 लाख 64 हजार किसानों के बैंक के अकाउंट में 232 करोड रुपए आज ट्रांसफर कर दिया गया।
552 बच्चियों को मिला किशोरी समृद्धि योजना का लाभ
सरकार के 3 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किशोरी समृद्धि योजना का लाभ राज्य के 552 बच्चों को मिला है। राज्य के 21.5 लाख से अधिक बच्चों को स्कॉलरशिप दी गई। इस मद में सरकार ने ₹438 करोड़ दिए हैं। इस तरह कुल मिलाकर सरकार ने 1 दिन में ₹890 करोड़ का वितरण किया है।उन्होंने इसे सरकार के लिए बहुत उत्साह का विषय बताते हुए कहा कि किसानों और बच्चों के लिए भी आज खुशी का दिन है।
कई उतार चढ़ाव देखे,लेकिन नहीं मानी हार
हेमंत सोरेन ने कहा उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, कई आपदाएं देखी है,लेकिन 20 वर्षों में इतनी चुनौती किसी भी सरकार के सामने नहीं आई,जितनी इनकी सरकार के सामने आई। महागठबंधन की सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोरोना ने झकझोर दिया।ऐसी स्थितियां बनी कि लोग घरों में कैद होकर रह गए। 2 साल तक तमाम गतिविधियां ठप रही , अर्थव्यवस्था चौपट हो गई।लोगों के रोजगार चले गए,दुनिया थम सी गई। समझ में नहीं आ रहा था कि आगे क्या किया जाए।? लेकिन हमने हार नहीं मानी।
आपदा को अवसर बनाया
कोरोना संक्रमण के दौर को याद करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में सबसे ज्यादा मजदूर और किसान रहते हैं। ये गरीब हैं। इस प्रदेश में ऐसे-ऐसे लोग रहते हैं कि अगर एक दिन काम ना करें ,तो घर का चूल्हा न जले। ऐसे हालात इस राज्य में 20 सालों से बनी हुई है। मजदूर घर में रहता है ,तो भूखे मरता है और बाहर कमाने जाता है तो, बीमारी से मरता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विपरीत परिस्थिति के समय यहां के लोगों और सरकार ने हाथ से हाथ मिलाकर काम किया और राज्य को बचाया। कोरोना के दौरान झारखंड में कोई भी व्यक्ति भूख से नहीं मरा। यह हमारे सरकार की बड़ी उपलब्धि थी। हमने हर आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास किया और उसमें सफल हुए।
20 साल तक दमन और शोषण का दंश झेलने के बाद अब देख रहे हैं खुशहाली
अपनी सरकार की 3 साल की उपलब्धियां बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई तो यहां विकास को गति दी। इसका ही यह परिणाम है कि राज्य के कोने-कोने में लोगों के चेहरे पर आज खुशी साफ दिख रही है। यहां के लोगों ने 20 साल तक दमन और शोषण का दंश झेला है। सड़कों पर आए दिन धरना और प्रदर्शन होते रहते थे। 3 साल से हम जनता के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे, इसलिए लोगों को इस सरकार से बड़ी आशा है।
उन्होंने कहा कि अभी लंबा सफर बाकी है। 20 साल में पहली बार यहां कुछ हलचल हो रही है। आज हमारे राज्य के बच्चे विदेश में पढ़ने जाते हैं। पहली बार राज्य में खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। जेपीएससी जैसे संस्थानों के मकड़जाल में 20 सालों तक न जाने कितने बच्चों का भविष्य खराब हुआ।हमने उन संस्थानों से महज 250 दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके बच्चों को बीडीओ,सीओ और कलेक्टर बनाकर तैनात किया। अब हमारे प्रदेश में बीपीएल परिवार के बच्चे बीडीओ, सीओ और कलेक्टर बनते हैं।