न्यूज़ डेस्क
दरअसल, देश भर के 7 राज्यों की तेरह विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है। जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से कुछ सीटें विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई है तो कई सीटों पर विधायकों के निधन के बाद सीट खाली होने के कारण चुनाव कराया जा रहा है।
देश भर में लोकसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन आमने-सामने है।
बता दें कि 10 जुलाई को बिहार की एक, बंगाल की 4, तमिलनाडु की 1, मध्य प्रदेश की 1, उत्तराखंड की 2, पंजाब की 1, हिमाचल की 3 सीटों के लिए मतदान होगा। इन सीटों पर उपचुनाव का नोटिफिकेशन 14 जून को जारी हुआ था, नामांकन की आखिरी तारीख 21 जून रही और स्क्रूटनी भी 24 जून को हो चुकी है। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 26 जून तय की गई थीॉ। इन सारी प्रक्रियाओं के बाद अब 10 जुलाई को वोटिंग होनी है, जिसके नतीजे 13 जुलाई को आएंगे।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि बंगाल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली शिकस्त के बाद से ही पार्टी किसी भी हाल में उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहती है। बंगाल के जिन 4 सीटों मानिकतला, रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदाह पर उपचुनाव हो रहा है।
इनमें चार सीटों में से तीन के भाजपा विधायक सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो गए थे और हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव लड़े थे, हालांकि उन्हें चुनावों में हार मिली। ये सीटें रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बाघा हैं। वहीं, एक सीट मानिकतला टीएमसी विधायक के निधन के बाद खाली हुई हैं।
बिहार में लोकसभा चुनाव में एनडीए की जबरदस्त जीत के बाद एक बार फिर से चुनावी मैदान में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने है। रुपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। चुनावी मैदान में जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल आमने-सामने हैं। जनता दल यूनाइटेड ने रुपौली सीट से कलाधर मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि राजद ने एक बार फिर से बीमा भारती पर भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है।
उपचुनाव की इस लिस्ट में मध्य प्रदेश का भी नाम है। यह सिर्फ एक उपचुनाव नहीं बल्कि बीजेपी और कांग्रेस की नाक का सवाल बन गया है। बीजेपी छिंदवाड़ा लोकसभा जीतने के बाद बीजेपी इस विधानसभा को भी जीत लेना चाहती है तो वहीं कांग्रेस और कमलनाथ लोकसभा की हार का बदला लेने के मूड में हैं।
अमरवाड़ा में मुख्य मुकाबला तो बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह और कांग्रेस प्रत्याशी धीरन शाह इनवाती के बीच है। आदिवासी बहुल सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी दोनों दलों के वोटरों में सेंध लगाने का दम रखती है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार देवरावेन भलावी पर भी सबकी नज़रें लगी हुई हैं क्योंकि साल 2003 में अमरवाड़ा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी चुनाव जीत चुकी है। ठीक इसी तरह हिमाचल प्रदेश की तीन तमिलनाडु की एक सीट उत्तराखंड की दो सीट पर चुनाव होना है।
हालांकि लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक द्वारा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने के साथ, खाली हुई 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में रोचक मुकाबला देखने के लिए मिलेगा। बीजेपी के ऊपर बढ़त वापस पाने का दबाव हैय़ चुनाव आयोग की ओर से अभी तक उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
हालांकि, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने घोषणा की है कि वे इंडिया ब्लॉक के तहत यूपी विधानसभा उपचुनाव एक साथ लड़ेंगे। यूपी में करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर मीरापुर, फूलपुर, मझवा और सीसामऊ सीटों पर उपचुनाव होना है।