अखिलेश अखिल
महाराष्ट्र में भी बिहार वाली कहानी देखने को मिल रही है। वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने शरद पवार पर एक बयान देकर एमवीए के भीतर ही तनाव पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि शरद पवार आज भी बीजेपी से मिले हुए हैं। आंबेडकर के इस बयान के बाद कई तरह की प्रतिक्रया आने लगी है। इससे एनसीएपी के भीतर तो नाराजगी है ही ,कांग्रेस के भीतर भी नाराजगी बढ़ी है।
जिस तरह से बिहार महागठबंधन के नेताओं में ही आपसी खींचतान और बयान बाजी होती है और नीतीश सरकार की परेशानी बढ़ जाती है ठीक वही हाल महाराष्ट्र एमवीए का है। अंतर केवल यही है कि बिहार में महागठबंधन सरकार चला रही है जबकि महाराष्ट्र में एमवीए आगामी राजनीति को साध रही है। लेकिन इसी बीच एक नयी राजनीतिक पहल महाराष्ट्र में हुई। उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के साथ प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी का गठबंधन हुआ। हालांकि इस गठबंधन को लेकर कांग्रेस और एनसीएपी में अलग -अलग राय है लेकिन माना गया कि आगामी चुनाव में इससे एमवीए को लाभ होगा और बीजेपी को बड़े पैमाने पर घेरा जा सकेगा।
दरअसल , प्रकाश अंबेडकर ने एक टीवी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था, “आज भी शरद पवार बीजेपी के साथ हैं। 2019 में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीन-चार दिन बाद एक अखबार में छपे इंटरव्यू में अजीत पवार के हवाले से कहा गया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि लोग उन पर दोष क्यों मढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी ने तय किया है। मैं सबसे पहले जाने वाला था … यह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तय किया गया था।”
हालांकि इस बयान का मौजूदा समय में कोई ज्यादा अहमियत नहीं है लेकिन जिस तरह से शरद पवार की तरफ इशारा किया गया है उससे एनसीपी कुछ ज्यादा ही आहत है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि आखिर प्रकाश आंबेडकर को अभी यह सब कहने की जरूरत क्यों हुई ? जब शरद पवार आगामी चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की तैयारी के साथ ही महा विकास अघाड़ी को मजबूत करने में जुटे हैं ऐसे में इस तरह के बयान किसी को भी आहत कर सकता है। निश्चित तौर पर उद्धव शिवसेना को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। बता दें कि प्रकश की पार्टी का गठबंधन अभी सिर्फ शिवसेना के साथ है न कि महाविकास अघाड़ी के साथ।
इधर एनसीपी ने प्रकाश आंबेडकर की निंदा की है और कहा है कि चुकि प्रकाश आंबेडकर गठबंधन सर शिवसेना के साथ है इसलिए उन्हें महा विकास अघाड़ी के नेताओं पर उन्हें कुछ भी कहने से बचना चाहिए। उधर शिवसेना ने कहा है कि प्रकाश आंबेडकर और शिवसेना के गठबंधन को राहुल गाँधी भी मंजूरी दे चुके हैं। संजय राउत ने तो यहां तक कहा है कि प्रकाश आंबेडकर से महाविकास अघाड़ी में आने से राहुल गाँधी काफी खुश हैं। याद रहे इसमें इसमें दोतरह के बयान है। एक बयान तो यह है कि शिवसेना के साथ प्रकाश आंबेडकर का गठबंधन है और राउत का बयान कहता है कि प्रकाश आंबेडकर की इंट्री एमवीए में हुई है।
सच क्या है इसको लेकर आगे की राजनीति और भी बढ़ सकती है। एनसीपी नहीं चाहती कि एमवीए में प्रक्शा आंबेडकर शामिल हों। हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को लेकर प्रकाश अंबेडकर के बयानों से संजय राउत ने असमहति जताई है। उन्होंने कहा कि एमवीए में सभी को अपने सदस्यों के बारे में टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।उन्होंने कहा, “ऐसे समय में किसी को भी इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, जबकि एनसीपी प्रमुख ने भाजपा को टक्कर देने के लिए तीसरा मोर्चा खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई रहे हैं। वह तीसरे मोर्चे के स्तंभ हैं।”