नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता का मिलना बहुत बड़ा अवसर है। हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है। चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता हो या फिर टिकाउ विकास,भारत के पास इनसे जुड़ी चुनौतियों के समाधान हैं। हमने वन अर्थ (एक पृथ्वी) वन फैमिला(एक परिवार), वन फ्यूचर (एक भविष्य) का जो नारा दिया है, वह वसुधैव कुटुम्बकम के प्रति हमारे संकल्प को दिखाता है।
जी—20 में आने वाले लोग भविष्य के पर्यटक भी
प्रधानमंत्री ने अपने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 95वीं कड़ी में कहा कि विश्व की आबादी में जी-20 की दो तिहाई, विश्व व्यापार में तीन चौथाई और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 85 प्रतिशत भागीदारी है। उन्होंने कहा कि जी—20 में आने वाले लोग भले ही एक प्रतिनिध के रूप में आएं, लेकिन वे भविष्य के पर्यटक भी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इतने बड़े आयोजन के दौरान देशवासी भारत की संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगो से दुनिया को अवगत कराएंगे।
एक बुनकर येल्धी हरिप्रसाद गारू ने जी—20 का प्रतीक चिन्ह बनाकर पीएम मोदी को भेजा
आने वाले दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों में जी—20 से जुड़े कार्यक्रम होंगे। तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले के एक बुनकर येल्धी हरिप्रसाद गारू की ओर से जी—20 का प्रतीक चिन्ह बनाकर उन्हें भेजे जाने का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि उन्हें यह जानकर बेहद खुशी हुई कि लोग खुद को जी-20 से जोड़ रहे हैं। उन्होंने देशवासियों खासकर युवाओं से आग्रह किया कि वे किसी न किसी रूप में जी—20 से जरूर जुड़ें।