न्यूज डेस्क
गुजरात दंगो को केंद्र में रखकर बीबीसी द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंट्री अब एक बड़ा मुद्दा बनते जा रही है। इसकी आलोचना दुनिया भर में हो रही है और भारत में इसके खिलाफ काफी रोष है। देश के 300 से ज्यादा दिग्गज ने इस डाक्यूमेंट्री का विरोध किया है और इसे प्रोपगेंडा का हिस्सा बताया है। बयान जारी करी कने वाले इन दिग्गजों को सूची में दर्जनों पूर्व जज ,नौकरशाह और सेनावृत सेना अधिकारी है।
बता दें की सरकार पहले ही बीबीसी के इस वृतचित्र को नकार चुकी है और कहा है कि सरकार इस फिल्म का महिमामंडन नही कर सकती। सरकार यह भी कह चुकी है कि प्रधानमंत्री पर बीबीसी की डॉक्यूमेंटी दुष्प्रचार, पक्षपाती और औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाती है। हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्या है? वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर एतराज जताया है।
शनिवार को जारी किए गए इस बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाली बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को “ब्रिटिश शाही पुनरुत्थान का भ्रम” बताया। हस्ताक्षरकर्ताओं में 13 सेवानिवृत्त न्यायाधीश, 133 सेवानिवृत्त नौकरशाह शामिल हैं जिनमें 33 राजदूत और 156 सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि एक बार फिर, भारत के प्रति बीबीसी की नकारात्मकता और गैर-रूढ़िवादी पूर्वाग्रह उजागर हुआ है। बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दंगों से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने के लिए क्लीन चिट दी थी।
खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया है। इस आदेश के मुताबिक YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं उनको भी ब्लॉक कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसके लिए निर्देश जारी किए हैं।