आजकल बहुत से युवा शिकायत करते हैं कि उनके हाथ अचानक कांपने लगते हैं। कई बार लोग इसे थकान, कमजोरी या घबराहट समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन बार-बार या लगातार हाथ कांपना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर जवान उम्र में ही हाथों में कंपन शुरू हो जाए तो इसे Essential Tremor (ET) नामक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर माना जाता है।
Essential Tremor एक नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्से, खासकर हाथ, सिर या आवाज़ कांपने लगते हैं। यह पार्किंसन डिज़ीज़ जैसी बीमारी से अलग है, लेकिन शुरुआती लक्षण काफी मिलते-जुलते होते हैं। सबसे आम लक्षण है हाथों का बार-बार या लगातार कांपना, खासकर जब आप कुछ पकड़ते हैं, लिखते हैं या खाना खाते हैं
बात इस बीमारी के होने के कारणों की की जाय तो इसके सही कारण का पता अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हुआ है,लेकिन रिसर्च के अनुसार इसके कुछ निम्नलिखित प्रमुख कारण हो सकते हैं।
यह बीमारी परिवार में जेनेटिक कारणों से हो सकती है (यानी अगर माता-पिता को है, तो बच्चों को भी हो सकती है)।
ब्रेन के उस हिस्से में असंतुलन, जो मांसपेशियों की मूवमेंट को कंट्रोल करता है भी इसका बड़ा कारण हो सकता है।
स्ट्रेस, नींद की कमी और थकान इसे और ज्यादा बढ़ावा देते हैं।
इस बीमारी के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं
हाथों का अनियंत्रित होना या कांपना, खासकर काम करते समय।
सिर या आवाज का कांपना।
कप या पेन पकड़ने में दिक्कत होना।
लिखावट बिगड़ना।
तनाव या थकान में कंपन का बढ़ जाना
Essential Tremor सीधे तौर पर जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह धीरे-धीरे लाइफ की क्वालिटी को खराब कर देती है।
यह कामकाज पर असर डालती है।यहां तक कि यह खाना-पीना और लिखना मुश्किल कर देती है। इसके ही जाने से रोगियों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।लंबे समय में यह मानसिक तनाव और डिप्रेशन की वजह भी बन सकती है।
डॉक्टरों के अनुसार, अगर युवाओं में लगातार कंपन दिखाई दे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में यह पार्किंसन डिजीज की शुरुआती निशानी भी हो सकता है। हालांकि दोनों बीमारियां अलग हैं, लेकिन सही जांच ज़रूरी है।
इस बीमारी के इलाज की प्रक्रिया में
डॉक्टर सबसे पहले दवाइयों से कंपन को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं।
इस मामले में पर्याप्त नींद, कैफीन और शराब से परहेज, तनाव कम करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करना भी बेहद जरूरी है।
गंभीर मामलों में Deep Brain Stimulation (DBS) जैसी सर्जिकल तकनीक भी इस्तेमाल की जाती है।
अगर हाथों का कांपना बार-बार हो और रोजमर्रा के कामों में बाधा डालने लगे या परिवार में पहले से किसी को पार्किंसन या न्यूरोलॉजिकल बीमारी रही हो, तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।जवानी में हाथों का कांपना आम थकान या कमजोरी नहीं, बल्कि Essential Tremor जैसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। यह जानलेवा तो नहीं है, लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर जिंदगी को मुश्किल बना सकती है. इसलिए ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।