न्यूज़ डेस्क
यूपी में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आज दूसरा दिन है। कल पीएम मोदी ने उद्घाटन कर इस समिट का आगाज किया था और उम्मीद जताई थी कि देश और दुनिया के निवेशक यूपी में बड़ा काम करेंगे ताकि यूपी का विकास होगा और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। याद रहे बीजेपी सरकार पिछले कुछ सालो से रोजगार के मसले पर लगातार विपक्ष और युवाओं के निशाने पर है।
लेकिन सबसे अचरज की बात है कि इस समिट में देश दुनिया के कारोबारी तो पहुंचे लेकिन अडानी नहीं पहुंचे हैं। मोदी के ख़ास कारोबारी में शुमार मुकेश अम्बानी भी लखनऊ पहुंचे और 75 हजार करोड़ के निवेश को घोषणा कर गए। लेकिन अडानी का कही कोई पता नहीं। जिस अडानी के खिलाफ पीएम मोदी अभी तक एक शब्द नहीं कह रहे हैं वे समिट से गायब है। लखनऊ की चर्चा चल रही है।
खबरों की मानें तो यूपी सरकार ने अडानी को न्योता भेजा था, लेकिन उनके ग्रुप ने आने को लेकर कोई सहमति नहीं दी। इससे पहले साल 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में गौतम अडानी नजर आए थे। लेकिन जब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आई है, तब से गौतम अडानी पब्लिकली नजर नहीं आ रहे हैं।आपको बता दें कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा और महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के अलावा देश और विदेश से कई बड़े बिजनेसमैन शामिल होने आए हुए हैं।
कहा जा रहा है कि हालिया हिंडनबर्ग रिपोर्ट से बदनाम होने की वजह से अडानी इस समिट में शामिल नहीं हुए हैं। लेकिन कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि अभी कुछ दिन पहले मौजूदा योगी सरकार ने उनको झटका दिया था इसलिए अडानी शामिल नहीं हुए। अब सच क्या है यह कौन जाने !
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में अडानी समूह को करारा झटका लगा था। उत्तर प्रदेश के मध्यांचल विद्युत निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने की बोली जीतने वाले अडानी के टेंडर को निरस्त कर दिया। इस टेंडर को लेकर उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत नियामक आयोग (इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) ने भी आपत्ति जताई थी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप था कि जो स्मार्ट मीटर बाजार में 6000 रुपए का है उसे अडानी समूह 10,000 हजार रुपए में सरकार को दे रहा है। आरोप था कि मीटर के दाम 48 फीसदी सेलेकर 65 फीसदी तक अधिक थे। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसको लेकर सीएम योगी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाई है।
कहा जा रहा कि अडानी को योगी पसंद भी नहीं करते। उनके खेल को योगी समझ चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भले ही प्रधानमंत्री मोदी अडानी पर कुछ नहीं बोल रहे हों या बचा रहे हो लेकिन वे अंदर से नाराज भी है। इसी नाराजगी की वजह से योगी ने अडानी का टेंडर निरस्त किया था।
बता दें कि 25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।

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