न्यूज़ डेस्क
छत्तीसगढ़ के कांकेर में आज बड़ा हादसा होते -होते रह गया। सुरक्षाबलों और नक्सलियों मुठभेड़ हो गई। सुरक्षाकर्मी सुबह में सर्च ऑपरेशन पर निकले थे लेकिन घात लगाए नक्सलियों ने हमला का दिया। दोनों तरफ से घंटा भर तक गोलियां चलती रही। बाद में नक्सली वहाँ से भाग निकले लेकिन सुरक्षाकर्मियों का दावा है कि पांच से ज्यादा नक्सली घायल हुए हैं। इस मुठभेड़ की सूचना स्थानीय एसपी शलभ सिन्हा ने की है।
जानकारी के मुताबिक, छोटे बेठिया थाने से जवान सुबह गश्त पर निकले थे। इस दौरान सुबह करीब 7 बजे आल्दंड के जंगलों में नक्सलियों ने जवानों पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में नक्सली वहां से भाग गए, लेकिन तीन घंटे बाद फिर करीब 10 बजे नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। नक्सलियों ने एके-47, ऑटोमेटिक राइफल, हैंड ग्रेनेड, एलएमजी से हमला किया। करीब एक घंटे तक मुठभेड़ चलती रही। बताया जा रहा है कि वहां 80 से ज्यादा नक्सली जमा थे।
नक्सलियों के भागने के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। अतिरिक्त फोर्स भी भेजी गई है। कई अफसर भी मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल सर्चिंग पार्टी अभी लौटी नहीं है। उनके आने के बाद ही विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। अफसरों के मुताबिक, वहां परसापुर एरिया कमेटी के साथ ही नक्सलियों की मांड डिवीजन के भी सदस्य मौजूद थे। इनके साथ ही बड़े नक्सली लीडर शेखर, विजय रेड्डी, जयमती की होने की संभावना है। घायल नक्सलियों को उनके साथी लेकर भागे हैं। कई को खाट पर ले गए।
कांकेर में नक्सलियों की आमद एक बार फिर तेज हुई है। इससे करीब दो सप्ताह पहले 28 जनवरी को भी आमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली के जंगल मे मुठभेड़ हुई थी। करीब 40 मिनट चली इस मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले थे। मुठभेड़ में कई नक्सलियों को गोली लगने का भी दावा किया गया। सर्चिंग के दौरान जवानों ने वहां से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री बरामद की थी।
जवानों ने दो फरवरी को कांकेर में ही आमाटोला खैरीपदर के जंगल में नक्सली इमारत ध्वस्त किया था। यह इमारत नक्सलियों ने मुठभेड़ में मारे गए डीवीसी सदस्य दर्शन पद्दा की याद में बनाया था। जवानों ने मौके से नक्सली बैनर भी जब्त किया। यह कार्रवाई बीएसएफ 132 बटालियन और पुलिस फोर्स के जवानों ने की थी। अंतागढ़ के जंगलों में 31 अक्तूबर को डीआरजी जवानों ने मुठभेड़ में डीवीसी सदस्य दर्शन पद्दा सहित दो नक्सलियों को मार गिराया था।