Homeदेशचीन और अमेरिका के बीच युद्ध की आशंका बढ़ी 

चीन और अमेरिका के बीच युद्ध की आशंका बढ़ी 

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न्यूज़ डेस्क 

वैसे तो ऊपर से देखने में दुनिया के सभी देश एक दूसरे के मित्र ही लगते हैं लेकिन सच ये नहीं है। हर देश की अपनी राजनीति है और अपनी व्यापार नीति। इसके साथ ही विदेश और भू राजनीति हर देश की अलग -अलग होती है। और यह ऐसी राजनीति है जहाँ मित्र भी दुश्मन हो जाते हैं। हर देश अपनी अखंडता से कोई समझौता  नहीं करता। चीन और अमेरिका भी ऐसा ही सोंचता है लेकिन सच यही है कि ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में भारी तनाव है। दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ है। कब कौन किस पर हमला कर दे कोई नहीं जानता। इधर अमेरिका के 4-स्टार एयरफोर्स जनरल माइक मिनिहन ने आशंका जताई है कि अगले 2 साल में अमेरिका और चीन के बीच युद्ध हो सकता है। अपने डिपार्टमेंट को 1 फरवरी को लिखे एक मेमो में जनरल ने ये बात कही। जेनरल के अचानक इस बयान के बाद दुनिया के कई देशों में भी हरकत आ गई है। 
        हालांकि, उनके विचार पेंटागन के इरादे नहीं बताते हैं, लेकिन ताइवान पर लगातार कब्जा करने की कोशिश करता चीन और इस पर अमेरिकी सेना का रुख एक चिंता का विषय है। चीन किसी भी तरह से ताइवान पर कब्जा चाहता है जबकि ताइवान स्वतंत्र देश बना रहना चाहता है। उधर अमरीका अब ताइवान के साथ खड़ा है। ताइवान में अमेरिका का बड़ा व्यापार है और बड़ा इन्वेस्टमेंट भी। ताइवान भी चाहता है  कि अमेरिका उसकी मदद करे। इधर चीन और अमरीका के बीच भी कई मसलों  खींचतान है। खास कर समुद्री मसलो को लेकर दोनों देशों के बीच भारी तनाव है। 
     अमेरिकी जेनरल मिनिहान ने कहा- मुझे लगता है हम 2025 में चीन से युद्ध लड़ेंगे। मैं चाहता हूं कि ये आशंका गलत साबित हो, लेकिन अमेरिका और ताइवान दोनों 2024 में राष्ट्रपति चुनाव कराएंगे। इसके चलते चीन की तरफ से सैन्य कार्रवाई की जा सकती है।मिनिहन के मेमो पर बात करते हुए एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि ये टिप्पणी चीन को लेकर अमेरिका की सोच या विचार नहीं बताती है।
       अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ताइवान स्ट्रेट पर चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों से उसके मंसूबे साफ दिखाई देते हैं। साथ ही चीन ने ताइवान पर पिछले कुछ सालों में डिप्लोमैटिक, मिलिट्री और इकोनॉमिक दबाव भी बढ़ा दिया है। ताइवान की सरकार के मुताबिक वो शांति चाहते हैं, लेकिन हमला होने पर वो अपनी रक्षा जरूर करेंगे।
        ,उधर ,ताइवान ने चीन की घुसपैठ और युद्ध की तैयारियों को भांपते हुए अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए ताइवान महिलाओं को रिजर्व फोर्स में शामिल कर पुरुषों की तरह मिलिट्री ट्रेनिंग देने जा रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वो इस साल की दूसरी तिमाही से 220 महिला सैनिकों को ट्रेनिंग देगा।


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