न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर गाजा में हजारों बच्चों समेत करीब दस हजार लोगों की मौत पर चिंता जताई और मांग की कि संघर्ष विराम तुरंत लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने फिलिस्तीन में नरसंहार के वित्तपोषण और समर्थन के लिए दुनिया के नेताओं की भी आलोचना की।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने कहा, “यह शब्दों से परे भयावह और शर्मनाक है कि लगभग 10,000 नागरिकों, जिनमें से लगभग 5000 बच्चे हैं, का नरसंहार किया गया है, पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया , अस्पतालों और एम्बुलेंस पर बमबारी की गई, शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया गया और फिर भी दुनिया के नेता फ़िलिस्तीन में नरसंहार का वित्तपोषण और समर्थन करना जारी रखते हैं।”
उन्होंने कहा, “संघर्ष विराम सबसे छोटा कदम है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तुरंत लागू किया जाना चाहिए अन्यथा इसका कोई नैतिक अधिकार नहीं बचेगा।”
उनकी टिप्पणी उन रिपोर्टों के बाद आई है, जिनमें कहा गया है कि इज़राइल-हमास युद्ध में 5,000 बच्चों सहित 10,000 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। 7 अक्टूबर को हमास के सदस्यों द्वारा इजराइल पर हमले में कम से कम 1,400 लोगों की मौत के बाद गाजा पट्टी में लड़ाई 29वें दिन में प्रवेश कर गई है।
पूरी दुनिया में इस लड़ाई की निंदा की जा रही है। हालांकि इस युद्ध ने दुनिया को दो खेमो में भी बाँट दिया है लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे देश हैं जो छह रहे हैं कि युद्ध विराम हो ताकि मानव समाज को बचाया जा सके। जिस तरह से गाजा में मौत हो रही है और बम और आग से लाशें उड़ती दिख रही है उससे तो यही लगता है कि इंसान ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। इजरायल आज जो भी कर रहा है उसकी भर्त्स्ना की जानी चाहिए लेकिन हमास ने जो भी किया उसे भी स्वीकार नहीं करने की जरूरत है। लेकिन युद्धबिराम का कोई विकल्प तो नहीं हो सकता।