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Health Tips: दूध खड़े होकर और पानी बैठकर ही क्यों पीना चाहिए? जानिए वजह

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न्यूज डेस्क
अब तक आपने सिर्फ क्या खाएं और कैसे खाएं के बारे में ही सोचा होगा, लेकिन क्या आपने कभी पानी पीने के सही तरीके के बारे में भी सोचा है। जी हां,पानी पीने का भी एक तरीका होता है। ईटिंग हैबिट की तरह पानी पीने का सही तरीका अपनाना भी बेहद जरूरी है। पानी पीते समय हम ज्यादा सोचते नहीं हैं। जब हमें प्यास लगती है तब हम पानी झट से पी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खड़े होकर पानी पीना आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है।

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान

खड़े होकर पानी पीना हमें सामान्य लगता है। अगर आप भी इसी तरह पानी पीते हैं, तो ये आगे चलकर गठिया यानि अर्थराइटिस का कारण बन सकता है। दरअसल, खड़े होकर पानी पीने से बॉडी के अंदर फ्लूडस का बैलेंस बिगड़ सकता है। साथ ही जोड़ों में तरल पदार्थ अधिक मात्रा में जमा होने लगता है। जो आगे चलकर बीमारी का कारण बन सकता है।

स्टमक स्प्लैश की संभावना

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक खड़े होकर पानी पीने से वो पेट के अंदर फैलने लगता है। इससे आगे चलकर पाचन संस्थान बिगड़ सकता है और इसका प्रभाव गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक पर पड़ता है। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से प्यास अधूरी रह जाती है।

अगर आप बैठकर पानी पीते हैं तो आपके मसल्स और नर्वस सिस्टम को बहुत आराम प्राप्त होता है। जो नर्वस को तरल पदार्थ और अन्य खाद्य पदार्थों को जल्दी पचाने के लिए ट्रिगर करता है।

अल्सर और सीने में जलन का कारण

जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो पानी शरीर के अन्नप्रणाली के निचले हिस्से पर प्रभाव पड़ता है। इससे पेट और अन्नप्रणाली के बीच का जोड़ स्फिंक्टर प्रभावित होता है। इससे पेट में जलन का अनुभव होता है।

किडनी डि​जीज

किडनी शरीर में पानी की क्लीनिंग के लिए काम आती है। खड़े होकर पानी पीने से किडनी की सफाई नहीं हो पाती है और डस्ट पार्टिकल्स किडनी में जमा होने लगती है। इससे पानी पूरी तरह से प्यूरीफाई नहीं हो पाता है और गंदगी किडनी में जमा होने लगती है। इससे यूरिन पास करते समय जलन और दर्द महसूस होने लगती है।

दूध खड़े होकर पीएं

आयुर्वेद के अनुसार दूध खड़े होकर पीना चाहिए। इससे दूध आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है। दरअसल, दूध खड़े होकर पीने से उसका प्रभाव पाचन तंत्र पर नजर आने लगता है। दूध हमारे शरीर में आयुर्वेद के मुख्य स्तंभ वात्त पित्त और दोष को नियंत्रित करने का काम करता है। अगर आप खड़े होकर गुनगुना दूध पीते हैं, तो शरीर पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे हड्डियां और दांतों को मजबूती मिलती है।

खड़े होकर दूध पीने के फायदे

  • फार्माइजी के मुताबिक दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे हड्डियां और दांतों को मजबूती मिलती है।
  • इसके अलावा दूध पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस की शुरुआत को भी रोक देगा।
  • इसमें पोटेशियम होता है जो आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • इसमें मौजूद विटामिन डी अननेचुरल सैल ग्रोथ को नियंत्रित करता है, जो कैंसर के खतरे को कम करने का काम करता है।

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