न्यूज डेस्क
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को झटका देते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में 20 आधार अंक की कमी की है।आईएमएफ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रह सकती है। आईएमएफ ने कहा कि इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ के मुताबिक चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 फीसदी और 2024 में 4.5 फीसदी रह सकती है। इसकी वृद्धि दर 2022 में तीन फीसदी थी।
आईएमएफ ने पिछले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। आईएमएफ का अनुमान भारत की वृद्धि के बारे में तमाम वैश्विक संस्थाओं के अनुमान में सबसे कम है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विश्व बैंक ने 6.3 प्रतिशत और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने 6.4 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।
आईएमएफ ने अपने विश्व आर्थिक अनुमान की ताजी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 में भारत में खुदरा महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रही थी, जो चालू वित्त वर्ष में घटकर 4.9 प्रतिशत रह सकती है। इसी तरह चालू खाते का घाटा भी पिछले वित्त वर्ष के अनुमानित 2.6 प्रतिशत के मुकाबले कम होकर 2.2 प्रतिशत ही रहना चाहिए। क्रय शक्ति समानता की बात करें तो भारत में प्रति व्यक्ति उत्पादन में वृद्धि 4.9 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2023 में 5.8 प्रतिशत थी।
आईएमएफ में मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ऑलिवियर गुरिंचस के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी और यूक्रेन रूस युद्ध से पैदा हुए संकटों से उबर रही है मगर हालिया बैंकिंग संकट से पता चलता है कि हालत अभी नाजुक है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से सामान्य हो रही है। आईएमएफ का अनुमान है कि अगले साल 3 प्रतिशत की रफ्तार हासिल करने से पहले 2023 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 2.8 प्रतिशत ही रह सकती है।