न्यूज़ डेस्क
कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे गुलाम नबी आजाद आज कांग्रेस और कुछ नेताओं पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस में रहते हुए जो किया ,जिस तरह से मोदी सरकार और मोदी पर हमला किया उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। मोदी एक उदार नेता हैं। विपक्ष में रहते हुए हमने किसी भी मुद्दे पर उन्हें बख्शा नहीं चाहे वह 370 का मामला हो या फिर हिजाब से लेकर सीएए का मुद्दा। हमने हमेशा विपक्ष की भूमिका निभाई और सरकार को घेरा भी। लेकिन मोदी ने एक उदारवादी नेता की तरह व्यवहार किया और बदला नहीं लिया।
पीएम मोदी की तारीफ करने के बाद गुलाम नबी आजाद पर कई तरह की आलोचना भी हुई। आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनका दिमाग दूषित हो गया है और उन्हें वापस किंडरगार्डन जाकर राजनीति की एबीसी सीखनी चाहिए। ऐसे व्यक्तियों को राजनीति की अपनी बुनियादी समझ पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो फेयरवेल स्पीच और एक नियमित भाषण के बीच अंतर नहीं कर सकते थे, उनका राजनीतिक कौशल सदिग्ध है।
बता दें कि पीएम मोदी ने राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई के दौरान उनकी तारीफ की थी। आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के कई नेताओं ने पीएम मोदी की ओर से उनकी तारीफ किए जाने के मुद्दे को उठाया था। कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी करीबी होने का आरोप पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये बकवास है। अगर जी-23 बीजेपी के प्रवक्ता थे तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है, बाकी लोग अभी वहीं हैं. ये दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।
उन्होंने कहा कि नेहरू जी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी इस झटके को सहन कर सकते थे, उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था और समय के साथ अपने काम से वे पलटवार कर सकते थे। वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है।
हलाकि आजाद ने कहा कि मैं कांग्रेस को बेनकाब नहीं करना चाहता। नेतृत्व के साथ मेरे कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा से मेरे कोई मतभेद नहीं हैं। मेरा कांग्रेस की विचारधारा या पहले के कांग्रेस नेतृत्व से कोई मतभेद नहीं है। बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू जी के समय में, इंदिरा जी के समय में, राजीव जी के समय में क्या गलत हुआ, इसका उल्लेख किया है, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे।
हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकसभा से अयोग्य होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। मैं इसके खिलाफ हूं, चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव या कोई अन्य सांसद या विधायक हो।