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अमित शाह बोले- मुझ पर मोदी को फंसाने का दबाव था,UPA सरकार में एनकाउंटर केस में CBI ने बुलाया, कहा-मोदी का नाम दे दो, छोड़ देंगे

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बीरेंद्र कुमार झा

गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि UPA शासन के दौरान उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने का दबाव डाला गया था। शाह ने कहा कि तब CBI उनसे गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में पूछताछ कर रही थी।

अमित शाह एक निजी टेलीविजन में बोल रहे थे। उन्होंने एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोप पर कहा- मैं आपको बताता हूं कि एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कैसे किया गया। मैं इसका शिकार हो चुका हूं। कांग्रेस ने हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार का केस नहीं किया। जब मैं गुजरात का गृहमंत्री था, तब एक एनकाउंटर हुआ। CBI ने केस फाइल किया और मुझे गिरफ्तार कर लिया था।

गृहमंत्री ने कहा- 90% पूछताछ के दौरान वो यही कहते रहे कि क्यों परेशान हो रहे हो। मोदी का नाम ले लो और हम तुम्हें छोड़ देंगे।

कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कई विपक्षी नेता लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपोजिशन की आवाज दबाने के लिए ED और CBI जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।

अमित शाह ने विभिन्न मुद्दों पर दिया जबाव

एजेंसियों का दुरूपयोग

अमित शाह ने कहा- UPA शासन के दौरान CBI ने उन्हें फेक एनकाउंटर केस में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान एजेंसी ने मुझ पर PM मोदी को फंसाने का दबाव डाला था। कहते थे कि मोदी का नाम दे दो, लेकिन मैं उन्हें क्यों फंसाऊं। मेरी वजह से कुछ बेगुनाह पुलिस अफसरों को जेल में डाला गया। इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं मचाया। आज वही कांग्रेस एजेंसियों का रोना रो रही है। अगर आप बेगुनाह हैं तो कानून पर भरोसा रखिए।

राहुल गांधी मानहानि केस

मानहानि केस में राहुल गांधी को lसजा दिए जाने और उनकी सदस्यता जाने पर शाह ने कहा- राहुल गांधी अकेले राजनेता नहीं हैं, जिसे किसी कोर्ट ने दोषी ठहराया हो और उसकी संसद सदस्यता चली गई हो। ऊंची अदालत में अपील करने के बजाय राहुल हंगामा मचा रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं।

राहुल को प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने के बजाय ऊंची अदालत में जाना चाहिए और केस लड़ना चाहिए। जिस कानून की यहां बात हो रही है, उसका प्रावधान है कि किसी सांसद को 2 साल की सजा होती है तो उसे 3 महीने का समय मिलेगा अपनी सजा को स्टे कराने का। लेकिन जो अदालत सजा दे रही है, उसके पास ये पावर नहीं है कि व्यक्ति के दोष पर स्टे लगाया जा सके। कांग्रेस गलत बातें फैला रही हैं। दोष पर स्टे नहीं लगाया जा सकता है। सजा पर लगाया जा सकता है। अगर अदालत रोक लगाती है तो सजा को रोका जा सकता है।

राहुल का ऊंची अदालत न जाने का फैसला

गृहमंत्री ने कहा- राहुल ने अभी तक सजा पर रोक के लिए अपील नहीं की है। ये कैसा घमंड है? आप सांसद भी बने रहना चाहते हैं और कोर्ट भी नहीं जा रहे हैं। इतना घमंड आप में कहां से आ गया?

कांग्रेस नेताओं के ब्लैक प्रोटेस्ट पर

अमित शाह बोले- 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सजा घोषित होने पर जनप्रतिनिधियों की सांसदी-विधायकी रद्द कर दी जाएगी। तब लालू यादव, जयललिता और राशिद अल्वी जैसे 17 बड़े नेताओं की सदन की सदस्यता UPA शासन में चली गई थी। तब किसी ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन नहीं किया था, क्योंकि देश में कानून का राज चलता है।

राहुल गांधी का बंगला

शाह ने कहा- सांसदी जाते ही राहुल के बंगला खाली कराना भी कानून के तहत आता है। कुछ दिन रुकने के बाद नोटिस भेजा जाता तो उससे क्या हो जाता? राहुल को स्पेशल फेवर क्यों चाहिए, जब सुप्रीम कोर्ट साफ-साफ कह चुका है कि सजा प्रभावी होते ही जल्द से जल्द ये काम किया जाए।

एक परिवार के लिए देश का कानून अलग क्यों होना चाहिए

जब कोर्ट का फैसला आ गया तो लोकसभा स्पीकर उस आदेश की अवमानना क्यों करे? क्या सिर्फ इसलिए कि राहुल गांधी ‘ गांधी ‘ परिवार से आते हैं। हम कोई बदले की राजनीति नहीं कर रहे हैं। यह सिर्फ कोर्ट के फैसले के मुताबिक, हो रहा है। और यह फैसला भी तब आया था, जब उनकी ही सरकार थी

राहुल गांधी की 2019 की स्पीच

उन्होंने कहा- राहुल गांधी का पूरा भाषण सुनिए। उन्होंने न केवल प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया, बल्कि पूरे मोदी समुदाय और OBC समुदाय का अपमान किया। देश का कानून एकदम साफ है कि बदले की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है, जो उनकी सरकार के दौरान ही आया था।

मोदी बनाम राहुल

शाह ने कहा कि राहुल गांधी अब भी अगर वहां से रैली करना चाहते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। यही लोकतंत्र है कि कोई व्यक्ति जहां से जो कुछ बोलना चाहता है, वह बोल सकता है। अगर वे चुनावों में मोदी बनाम राहुल करना चाहते हैं, तो भी मुझे आपत्ति नहीं है। भाजपा के लिए जीतने का इससे बड़ा कोई फॉर्मूला ही नहीं है।

राहुल के माफी न मांगने और सावरकर का अपमान करने पर

अमित शाह बोले की राहुल गांधी कह रहे हैं कि माफी नहीं मांगेगे, तो उन्हें जमानत राशि क्यों भरी? एक बार महात्मा गांधी जी ने ऐसा किया था। जब उन्हें अंग्रेजों ने सजा सुनाई तो उन्होंने कहा न माफी मांगूंगा, न पेनल्टी दूंगा। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बेल बॉन्ड भरा।

और चलिए माफी नहीं मांगनी तो मत मांगिए, पर कम से कम सावरकर का अपमान मत कीजिए। आजादी की पूरी लड़ाई में सिर्फ वे ही ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें दो जन्मों की सजा दी गई। उन्हें सावरकर पर अपनी दादी की स्पीच पढ़नी चाहिए। उनकी खुद की पार्टी के मेंबर्स उन्हें सलाह दे रहे हैं कि सावरकर के खिलाफ मत बोलो।

गांधी परिवार

गृहमंत्री बोले- भारतीय लोकतंत्र तब खतरे में नहीं पड़ा था, जब लालू यादव की सदस्यता गई थी। गांधी परिवार के सदस्य की मेंबरशिप गई तो लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा। अब उन पर बात आई है तो वो चाहते हैं कि गांधी परिवार के लिए कानून बनाया जाए। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या किसी एक परिवार के लिए अलग कानून होना चाहिए। ये किस तरह की मानसिकता है? जब भी कुछ होता है तो ये लोग मोदीजी और लोकसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।

विपक्ष की एकजुटता पर

शाह ने कहा कि विपक्ष के साथ आने का क्या मतलब है? वे एक राज्य में साथ हैं और दूसरे राज्य में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं। क्या केजरीवाल दिल्ली में अपनी कुर्सी राहुल गांधी के लिए छोड़ देंगे? ये लोग सिर्फ मोदी के खिलाफ एकजुट होते हैं, वर्ना ये खुद एक दूसरे से लड़ते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

उन्होंने कहा- कांग्रेस में जो वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य हैं, उन्हें राहुल गांधी को बताना चाहिए कि उनकी सदस्यता जाने में लोकसभा स्पीकर की कोई भूमिका नहीं है। ये कानून है कि जैसे ही सजा सुनाई जाती है, उसी वक्त से संसद में दिया गया उनका हर भाषण रिकॉर्ड्स के हटा दिया जाता है। भले ही उनका डिस्क्वालिफिकेशन लेटर कुछ दिनों बाद दिया जाए।

राहुल गांधी ने एक अध्यादेश फाड़ दिया था। ऐसे में उनकी पार्टी में किसकी हिम्मत होती उसे कानून बनाने की। अगर वह कानून बन जाता तो राहुल गांधी बच सकते थे।

लोकसभा और कर्नाटक चुनाव

उन्होंने कहा- 2024 में मोदी जी दोबारा और ज्यादा बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनेंगे। 2019 के मुकाबले 2024 में भाजपा को ज्यादा सीटें मिलेंगी। विपक्ष में एकता ही नहीं है। कर्नाटक में भाजपा आसानी से बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लेगी और सरकार बनाएगी। हम वहां रिकॉर्ड जीत हासिल करेंगे।

 

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