न्यूज डेस्क
भारतीय नौसेना ने रविवार को अरब सागर में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। डीआरडीओ द्वारा इसके बूस्टर को डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल ने अरब सागर में अपने टारगेट पर सटीक हमला किया। इस मिसाइल का परीक्षण कोलकाता के युद्धपोत से किया गया। मिसाइल में स्वदेशी सामग्री बढ़ाने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस लगातार काम कर रहा है।
Indian Navy carried out a successful precision strike in the Arabian Sea by ship launched BrahMos missile with DRDO designed Indigenous Seeker and Booster, reinforcing commitment towards AatmaNirbharta: Indian Navy pic.twitter.com/0i5ED0v8Ff
— ANI (@ANI) March 5, 2023
भारतीय नौसेना के मुताबिक डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी साधक और बूस्टर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल द्वारा अरब सागर में एक सफल सटीक हमला किया, जो आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट या फिर धरती से लॉन्च किया जा सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं
- ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बी, शिप, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है।
- ब्रह्मोस रूस की P-800 ओकिंस क्रूज मिसाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों अंगों, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है।
- ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन मौजूद हैं। ब्रह्मोस के लैंड-लॉन्च, शिप-लॉन्च, सबमरीन-लॉन्च एयर-लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग हो चुकी है।
- जमीन या समुद्र से दागे जाने पर ब्रह्मोस 290 किलोमीटर की रेंज में मैक 2 स्पीड से (2500किमी/घंटे) की स्पीड से अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती है।
- पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल को पानी के अंदर से 40-50 मीटर की गहराई से छोड़ा जा सकता है। पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल दागने की टेस्टिंग 2013 में हुई थी।