अखिलेश अखिल
आज सुबह ही करीब साढ़े पांच बजे अफगानिस्तान और तजाकिस्तान में भूकंप के बड़े झटके आये और लोग घबराकर घर से बाहर भागने लगे। भूकंप की तीब्रता 6.8 नापी गई। दोनों देशो में एक घंटे के अंतराल पर ये झटके आये हैं लेकिन अभी तक कोई जानमाल की हानि की खबर सामने नहीं आयी है। लेकिन यह भी सच है कि तुर्किये में आये भूकंप के बाद यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस झटके के बाद कई तरह की बातें की जा रही है। सबका ध्यान अब नीदरलैंड के उस वैज्ञानिक फ्रैंक हूगरबीट्स की भविष्यवाणी की तरफ चला गया है जिन्होंने पाकिस्तान ,अफगानिस्तान से लेकर भारत में भूकंप आने की बात कही थी। याद रहे फ्रैंक ने तुर्किये में आये भूकंप से मात्र चार रोज पहले ही कहा था कि तुर्किये में भारी भूकंप आने की सम्भावना है। इसके बाद तुर्किये और सीरिया में क्या हुआ सबके सामने है।
तुर्किये की तबाही
बता दें कि 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। दोनों देशों में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप से दोनों देशों में अब तक 46000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। तुर्की में भूकंप से 2 लाख से ज्यादा इमारतें पूरी तरह तबाह हो गईं।
अब फ्रैंक हूगरबीट्स का एक और वीडियो इंटरनेट पर सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। फ्रैंक हूगरबीट्स इस वीडियो में भारतीय उपमहाद्वीप में बड़ा भूकंप आने का दावा कर रहे हैं। फ्रैंक हूगरबीट्स ये भी कह रहे हैं कि ये भूकंप हिंद महासागर क्षेत्र पर यानी भारत-पाकिस्तान सहित अफगानिस्तान के आसपास के कई इलाकों में आ सकता है। ऐसे में अफगानिस्तान और तजाकिस्तान में आये भूकंप से साफ़ लगता है कि फ्रैंक की भविष्यवाणी सही है और आगे भी सही हो सकती है।
कौन हैं फ्रैंक ?
फ्रैंक हूगरबीट्स सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे के लिए काम करते हैं। फ्रैंक हूगरबीट्स ग्रहों की चाल के आधार पर भूकंप की भविष्यवाणी करते हैं। सोलर सिस्टम एक शोध संस्थान है, जो भूकंप की गतिविधि का अनुमान लगाने के लिए आकाशीय पिंडों जैसे ग्रहों की निगरानी करता है।
फ्रैंक ने भारत ,पकिस्तान और अफगानिस्तान पर क्या कहा ?
फ्रैंक ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ हिंद महासागर क्षेत्र तक शक्तिशाली भूकंप आने की भी भविष्यवाणी की है। फ्रेंक खुद कहते हैं कि ये साफ नहीं है कि अफगानिस्तान से शुरू होकर भूकंप हिंद महासागर तक जाएगा। फ्रैंक ने ये भी साफ किया है कि भविष्यवाणी को लेकर अभी थोड़ा भ्रम की स्थिति है। फ्रैंक ने ये भी बताया कि हो सकता है कि यह भूकंप 2001 की तरह भारत पर अपना असर डाले। लेकिन कुछ भी निश्चित तौर पर कहा नहीं जा सकता है।
भारतीय वैज्ञानिकों के साथ अपना ज्ञान साझा करने को तैयार है फ्रैंक
फ्रैंक का कहना है कि वर्तमान में उनके पास तकनीक के विस्तार को लेकर कोई साधन नहीं है। फ्रैंक ने बताया कि उन्होंने तुर्किए के वैज्ञानिक से संपर्क किया था। कुछ वैज्ञानिकों की इसमें दिलचस्पी हैं। लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिकों की इसमें रुचि नही है। फ्रैंक ने कहा कि उन्हें सीरिया से कुछ हद तक पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में पूछे जाने पर फ्रैंक ने कहा कि अगर भारत सरकार उनसे संपर्क करती है, तो वे अपने ज्ञान को साझा करने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि फ्रैंक हूगरबीट्स ने तुर्किए में आने वाले भूकंप की भविष्यवाणी की थी। फ्रैंक हूगरबीट्स ने ये भी बताया था कि भविष्यवाणी करने से पहने उन्होंने पूरी रिसर्च की। रिसर्च से उन्हें अनुमान लग गया था कि वहां कुछ भूकंप संबंधी गतिविधियां होने वाली हैं। इसलिए उन्होंने सोचा कि कोई घटना घटित होने से पहले लोगों के लिए चेतावनी जारी की जानी चाहिए।