अखिलेश अखिल
सपा के बड़े नेता आजम खान कभी कल्पना भी नहीं किये होंगे जिस राजनीति के वे बादशाह थे अब वही राजनीति उनके लिए कलंक हो जाएगी। यूपी की मौजूदा राजनीति में आजम खान ने सबकुछ खो दिया है। अब राजनीति के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है और न ही उनके परिवार के पास ही। सच यही है कि आजम परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। पहले इस परिवार की सांसदी गई ,विधायकी गई अब आजम खान के बेटे अब्दुल्ला का नाम रामपुर विधान सभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट से भी काट दिया गया है। रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने वोटर लिस्ट से अब्दुल्ला का नाम हटाने के लिए निर्वाचक अधिकारी को आवेदन दिया था। अब उस पर भी अमल हो गया। निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि अब्दुल्ला का नाम जल्द हटा दिया जाएगा।
बता दें कि रामपुर की स्वार सीट से सपा के विधायक अब्दुला आजम की विधायकी तीन साल में दूसरी बार ख़त्म हो गई। एक पुराने मामले में अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है। दोषी साबित होते ही विधायकी गई मतदाता सूची से नाम भी गया। अदालत ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को आईपीसी की धारा 341 , 353 और आपराधिक कानून के तहत दोषी ठहराया है। इसी मामले में सात अन्य को बरी भी किया गया।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की राजनीति अब लगभग ख़त्म ही हो गई है। इस परिवार की सभी राजनीतिक किलायें ढह सी गई है। रामपुर सीट चली गई और अब स्वार सीट से भी बेदखल हो गए। कहा जा रहा है कि स्वार सीट पर अब उपचुनाव में आजम परिवार के किसी आदमी को मैदान में उतार सकते हैं। लेकिन इसकी संभावना अब नहीं लगती। बीजेपी पहले ही रामपुर को अपने कब्जे में ले लिया है। वहाँ की जनता अब बीजेपी की हो गई है। अगर स्वार सीट के उपचुनाव में बीजेपी जीत दर्ज करती है तो अंजाम की सभी राजनीतिक खेल ख़त्म होते दिखेंगे।
आजम को लेकर कई तरह की बाते की जा रही है। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि आगामी चुनाव की चुनौतियों को देखते हुए बीजेपी और खासकर योगी सरकार आजम की राजनीति को ख़त्म करने पर तुली है। ऐसा हो भी सकता है। लेकिन कई जानकार यह भी कहते हैं कि राजनीतिक अपराध का दंड मिलने पर इतना तांडव क्यों है ? हालांकि इसी तरह के कई मामले बीजेपी नेताओं पर भी दर्ज है लेकिन उनकी राजनीति दौर रही है। योगी सरकार चुप है।