पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) पर मचे बवाल के बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाये हैं। शनिवार को तृणमूल सांसद ने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदाताओं को परेशान कर रहा है।उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके 2 बेटों, मां और छोटी बहन को ‘अनमैप्ड’ श्रेणी में डालकर मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, ‘अनमैप्ड’ मतदाता वे हैं, जिनका विवरण वर्ष 2002 की मतदाता सूची के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे। काकोली घोष दस्तीदार की 90 वर्षीय मां और छोटी बहन उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र बारासात के मध्यग्राम इलाके में रहती हैं, जबकि उनके दोनों बेटों का आवासीय पता दक्षिण कोलकाता का है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि मेरे बेटों के नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं किये गये।उनके पिता (सांसद के पति) राज्य के पूर्व मंत्री रहे हैं। काकोली घोष दस्तीदार खुद कई बार की सांसद हैं। उन्होंने कहा कि यह भी समझ से परे है कि उनकी 90 साल की मां और छोटी बहन जो उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम में लंबे समय से मतदाता रही हैं, उनके नाम अचानक मसौदा सूची से हटा दिये गये? उन्होंने इस प्रक्रिया को ‘परिवार का उत्पीड़न’ करार दिया।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया था कि 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के मतदाताओं को सुनवाई केंद्रों तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। आयोग के अधिकारी स्वयं उनके घर (आवास) जाकर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करेंगे।उधर, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि शनिवार को राज्यभर के 3,234 केंद्रों पर सुनवाई शुरू हो गयी।सुनवाई केंद्रों पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ देखी गयी।पहले चरण में लगभग 32 लाख ‘अनमैप्ड’ वोटर्स को सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
