अखिलेश अखिल
राहुल गांधी संसद में मोदी सरकार को घेर रहे हैं। सरकार को घेरने का काम तो अन्य विपक्षी पार्टियां भी कर रही है लेकिन राहुल की बातें और सवाल बीजेपी को कुछ ज्यादा ही भेद रहे हैं। राहुल सीधा अटैक करते हैं। जब से भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी के कॉंफिडेंट में जबरदस्त इजाफा हुआ है। हालांकि वे पहले भी निडर थे लेकिन अब लाखों जनता से मिलने के बाद उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ा है। आज जैसे ही राहुल ने अडानी समूह से लेकर अन्य मसलो पर सरकार को घेरा बीजेपी विचलित हो गई। उन्होंने बीजेपी ,मोदी सरकार और संघ पर भी हमला किया। हमला तो वे पहले भी करते थे लेकिन संसद के भीतर का हमला रिकॉर्ड पर जाता है। इतिहास बनता है। भला बीजेपी इसे कैसे पचाये!
संसद में मंगलवार को अडानी विवाद पर बहस के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मोदी सरकार पर हमले को लेकर बीजेपी ने कड़ा पलटवार किया है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को सावधान करते हुए कहा कि याद रखें, वह खुद, उनकी मां सोनिया गांधी और जीजा रॉबर्ट वाड्रा जमानत पर हैं। रविशंकर प्रसाद ने संसद में राहुल गांधी की ओर से मोदी सरकार पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उसकी निंदा की।
अब सवाल है कि आखिर रविशंकर प्रसाद क्या कहना चाहते हैं ? सब कोई जानता है कि राहुल ,सोनिया गाँधी हेराल्ड मामले में जांच के दायरे में हैं। कई बार इनसे इनसे ईडी सवाल कर चुकी है। यह भी सब जानते हैं कि ये जमानत पर हैं। ऐसे में क्या राहुल सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते ? क्या सवाल पूछना किसी आरोपी को शोभा नहीं देता ? क्या इस देश के और भी आरोपी नेता सवाल नहीं पूछते ?
जब देश की संसद में ही आरोपी सांसदों की फेहरिस्त है ,कई आरोपी नेता मंत्री बने हुए हैं और देश को चला रहे हैं तो फिर राहुल गाँधी सवाल क्यों नहीं पूछ सकते ? गुजरात दंगा के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी पर भी कई आरोप लगे थे। गृहमंत्री शाह पर भी तब कई आरोप लगे थे। क्या उन्होंने बोलना बंद किया था ? क्या नेतागिरी करना छोड़ दिया था ? मोदी सरकार के मौजूदा मंत्रिमंडल में ही दर्जनों ऐसे मंत्री हैं जिनपर कई तरह के गंभीर आरोप है। कई जमानत पर चल रहे हैं। ऐसे में रवि शंकर प्रसाद का यह कहना कि ‘राहुल गाँधी सावधान रहे। वे जमानत पर चल रहे हैं।’ बहुत कुछ इसके मायने निकल रहे हैं।
दरअसल बीजेपी कई मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर है। जबसे हालिया चुनावी सर्वे में अगले लोक सभा चुनाव को लेकर जो बाते कही गई है उससे बीजेपी काफी परेशान है। सर्वे में कहा गया है कि बीजेपी में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर तो रही है लेकिन उसकी सीटें कम होगी। सर्वे में यूपी की सीटें बढ़ती दिखाई गई है। ऊपर से बीजेपी के भीतर सबकुछ भले ही ठीक दिखे लेकिन अंदर से बीजेपी में कोहराम है। खासकर पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह की परेशानी ज्यादा ही बढ़ी है। बीजेपी को लग रहा है कि जिस तरह से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता जा रहा है अगर उस पर ब्रेक नहीं लगा तो चुनावी खेल बाला भी सकता है। बीजेपी को कोई बदलाव पसंद नहीं। बीजेपी यह भी मानकर चल रही है कि राहुल गाँधी जिन मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं अगर वही मुद्दे चुनाव में चले गए और जनता ने उसे स्वीकार कर लिया तो मामला बदल सकता है। यही वजह है कि बीजेपी अभी भी इस कोशिश में लगी है है कि राहुल को डराकर चुप किया जाए। उसे बदनाम किया जा सके और जनता को यह सन्देश दिया जा सके कि जो खुद जमानत पर है वह दूसरे को दोषी कैसे कह सकता है ?
एक बात और। राहुल तो सवाल अडानी पर कर रहे हैं। सवाल अडानी की कंपनी पर पूछ रहे हैं और अडानी की कंपनी में लगे सरकारी पैसे की हिफाजत रहे इस पर सरकार का जबाब चाहते हैं। फिर बीजेपी की क्या परेशानी है ? बीजेपी क्यों नाराज है ? सच यही है कि अडानी समूह का खेल इस सरकार से जुड़ा है। जिस तरह से मोदी सरकार के काल में अडानी समूह आगे बढ़ा है ,जिस तरह से कानून बदल कर अडानी के अनुरूप किया गया है ,ऐसे में अब अडानी का मामला केवल अडानी तक सिमित नहीं रह गया है। अडानी फंसता है तो सरकार पर भी आंच आएगी। बीजेपी की यही परेशानी है।