बिहार के सीएम रहते लालू प्रसाद यादव पशुपालन घोटाले की जद में जब आए तो उनकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआई ने सेना की मदद मांगी थी। सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक उपेन विश्वास ने बताया था कि चारा घोटाले की जांच के लिए जब वे कोलकाता से पटना के लिए निकलते थे तो पत्नी को बोल कर आते कि न लौट पाऊं तो घबराना नहीं। तब बिहार में लालू यादव के नेतृत्व में आरजेडी की सरकार चल रही थी। आरजेडी समर्थक सीबीआई जांच को प्रभावित करने में लगे हुए थे। ठीक उसी अंदाज में वर्षों पुराने राबड़ी आवास को खाली कराने के नोटिस पर आरजेडी के नेता और समर्थक नीतीश कुमार की सरकार को धमका रहे हैं। लालू की गिरफ्तारी का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था तो आवास खाली करने का नोटिस आवास आवंटन करने वाले विभाग ने राबड़ी देवी को दिया है।
आरजेडी के बारे में यह आम धारणा बन गई है कि उसके साथ अच्छे लोग नहीं हैं। समर्थकों की हरकतें अक्सर लालू और तेजस्वी को मुश्किल में डालती रहती हैं। हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में आरजेडी समर्थक गायकों ने जिस तरह के गाने गाए, उससे सबसे अधिक नुकसान आरजेडी को हुआ है। 2010 की 22 सीटों से उठ कर आरजेडी 2015 में 80 तो 2020 में 75 विधायकों तक पहुंच गया था। पर, 2025 में इन्हीं गायकों और उनके गीतों पर उछलने वाले समर्थकों ने आरजेडी की लुटिया डुबो दी। इस बार महज 25 सीटों से ही आरजेडी को संतोष करना पड़ा है।
एनडीए ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के जंगल राज की तान छेड़ दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर एनडीए के छोड़े-बड़े तमाम नेताओं की जुबान पर लालू-राबड़ी का जंगलराज ही था। इस बीच यादव जाति से आने वाले भोजपुरी गायकों ने ऐसे-ऐसे गीत बनाए-गाए कि बीजेपी के आरोपों पर एक बार फिर से लोगों ने विश्वास किया और आरजेडी की दुर्गति हो गई। अब तो यह भी जानकारी आ रही है कि तेजस्वी को भी इस बात का एहसास हो गया है कि आरजेडी की हार में इन गायकों ने खासी भूमिका निभाई। इसीलिए 30 से अधिक ऐसे गायकों को चिह्नित कर तेजस्वी ने उन्हें लीगल नोटिस भिजवाया है।
