आर्टरीज में प्लाक जमना धीरे-धीरे बढ़ने वाली खतरनाक प्रक्रिया है, जो वक्त पर पता न लगे तो दिल का दौरा, स्ट्रोक और गंभीर हृदय रोगों का कारण बन सकती है।जब आर्टरीज संकरी होने लगती हैं, तो दिल तक खून पहुंचने में रुकावट आती है, इसलिए शुरुआती संकेत समझना बेहद जरूरी है।
लगातार बढ़ा हुआ BP कई बार बताता है कि आर्टरीज सख्त हो रही हैं और हार्ट को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है।
हार्ट रेट और रिद्म पर नजर रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।अनियमित धड़कन, बहुत तेज या बहुत धीमी हार्ट रेट आर्टरीज में बदलाव या हार्ट पर तनाव का शुरुआती संकेत हो सकता है।
स्टेयर क्लाइंब टेस्ट आपकी क्षमता का सरल घरेलू पैमाना है।अगर चार फ्लाइट सीढ़ियां चढ़ते समय सांस जल्दी फूलने लगे, चक्कर आए या छाती भारी लगे, तो दिल तक खून का बहाव कम हो सकता है।
एंकल-ब्रेकियल इंडेक्स टेस्ट भी घर पर किया जा सकता है। हाथ और टखने के BP में फर्क दिखे, खासकर टखने का BP कम हो, तो यह पैरों की धमनियों में ब्लॉकेज का संकेत देता है।
लक्षणों की निगरानी बेहद जरूरी है. सीने में दबाव, थकान, चक्कर, सांस चढ़ना या असामान्य पसीना ये सब धमनी समस्या के शुरुआती संकेत हो सकते हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
आजकल घर पर ECG डिवाइस भी काफी मददगार साबित हो रहे हैं। ये हार्ट की इलेक्ट्रिक गतिविधि रिकॉर्ड कर बताते हैं कि आर्टरीज में रुकावट के कारण दिल पर अतिरिक्त तनाव तो नहीं बढ़ रहा है।
आर्टरीज में प्लाक को रोकना संभव है, बस निरंतर देखभाल जरूरी है।नियमित एक्सरसाइज, सही खान-पान, तनाव कम करने की आदतें और समय-समय पर जांच आपको लंबे समय तक दिल की मजबूती और बेहतर हार्ट स्वास्थ्य दे सकती हैं।
