ट्रेन से यात्रा करना हम भारतीयों की रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बन चुका है। लंबा सफर हो या छोटा, हम मोबाइल में इंटरनेट चलाना, वीडियो देखना, मैसेजिंग या कॉलिंग करना पसंद करते हैं।लेकिन जैसे ही ट्रेन गति पकड़ती है, नेटवर्क गायब होना या इंटरनेट धीमा पड़ जाना आम बात है।यह समस्या आखिर क्यों होती है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
ट्रेन में नेटवर्क धीमा होने का सबसे पहला कारण है कि ट्रेनें लगातार मूवमेंट में रहती हैं और हाई स्पीड से चलती हैं। मोबाइल नेटवर्क टावर एक निश्चित दूरी पर लगे होते हैं और जब फोन एक टावर से दूसरे टावर पर शिफ्ट होता है तो अक्सर नेटवर्क ड्रॉप हो जाता है। ट्रेन जितनी तेज चलती है, हैंडओवर फेल होने की संभावना उतनी बढ़ जाती है।
ट्रेनों में नेटवर्क धीमा होने की दूसरी बड़ी वजह है कि रेलमार्गों का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण, पहाड़ी या जंगल क्षेत्रों से होकर गुजरता है।इन जगहों पर टेलीकॉम कंपनियों के इतने टावर नहीं होते जिससे सिग्नल कमजोर हो जाता है।एक और तकनीकी कारण है कि ट्रेन की पूरी संरचना मेटल की होती है जो रेडियो सिग्नल को काफी हद तक रोक लेती है।यही वजह है कि कई बार ट्रेन के अंदर बैठते ही सिग्नल कम हो जाता है।
ट्रेन में भले ही कुछ नेटवर्क बार दिख रहे हों, लेकिन इंटरनेट फिर भी धीमा चलता है। दरअसल ट्रेन में एक साथ सैकड़ों लोग मोबाइल डेटा यूज़ करते हैं।इससे टावर पर अचानक बहुत ज्यादा लोड पड़ता है और स्पीड ऑटोमैटिक कम हो जाती है। खासकर हाई ट्रैफिक रूट पर यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
हालांकि ट्रेन में पूरी तरह से परफेक्ट नेटवर्क मिलना अभी मुश्किल है लेकिन कुछ तरीके मदद जरूर कर सकते हैं। खिड़की के पास बैठें, ताकि सिग्नल अवरोध कम हो। Airtel, Jio और BSNL में से उस नेटवर्क का इस्तेमाल करें जिसका कवरेज उस रूट पर बेहतर हो।
इंटरनेट की बजाय ऑफलाइन डाउनलोड कंटेंट का उपयोग करें, ताकि यात्रा बिना रुकावट के बीते। VoWiFi (WiFi Calling) ऑन रखें स्टेशन या फ्री वाई-फाई मिलने पर कॉल क्वालिटी बेहतर हो सकती है।
