दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध उमर मोहम्मद और मुजम्मिल शकील को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों ने दिल्ली ब्लास्ट से पहले तुर्की की यात्रा की थी। तुर्की में मुजम्मिल और उमर के जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर से मुलाकात करने की बात कही जा रही है।दोनों के यात्रा को लेकर खुफिया एजेंसी और ज्यादा जानकारी जुटा रही है।
सूत्रों के मुताबिक मुजम्मिल और उमर के पासपोर्ट में तुर्की के स्टेंप मिले है।ऐसे में कहा जा रहा है कि ग्रुप बनाने से पहले दोनों ने तुर्की की यात्रा की थी।यहां जैश के हैंडलर से मुलाकात के बाद दोनों ने अपने प्लान को आगे बढ़ाया।
तुर्की को पाकिस्तान का करीबी दोस्त माना जाता है।ऑपरेशन सिंदूर के वक्त तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। तुर्की ने भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पाकिस्तान को कई ड्रोन और हथियार मुहैया कराए थे। तुर्की जैश के हैंडलर के लिए सबसे मुफीद है।क्योंकि जैश के खिलाफ तुर्की कोई बड़ी कार्रवाई नहीं करेगा।
दिल्ली के लालकिले ब्लास्ट की जांच एनआईए कर रही है। अब तक इस मामले में जिन संदिग्धों को रडार में लिया गया है, उनमें फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से गिरफ्ता महिला डॉक्टर शाहीना शाहिद है। शाहीना शाहिद के बारे में कहा जा रहा है कि वे जैश की महिला ब्रिगेड के लिए काम कर रही थी।
जैश के चीफ मसूद अजहर ने हाल ही में अपने बहन को महिला ब्रिगेड की कमान सौंपी थी। हालांकि, अब तक भारत की किसी भी जांच एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर जैश के लिंक को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने कुछ दिन पहले सहारनपुर से मोहम्मद आदिल नामक शख्स को गिरफ्तार किया था।आदिल की निशानदेही पर ही मुजम्मिल शकील के ठिकाने पर दबिश दी गई। अब जांच एजेंसियां आदिल, मुजम्मिल, शाहीन और परवेज के बीच संगठित नेटवर्क की पड़ताल कर रही हैं। Ansar Ghazwat-ul-Hind (AGuH) से भी लिंक की आशंका है।
कहा जा रहा है कि यह व्हाइट कॉलर मॉड्यूल शिक्षित डॉक्टरों के जरिए ऑपरेट हो रहा था, जो रिक्रूटमेंट और फंडिंग का काम करता था। ब्लास्ट के बाद यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में हाई अलर्ट हैं।
