सुबह का समय एक कप गर्म चाय के साथ कुरकुरा टोस्ट का सेवन अब ज्यादातर भारतीयों की आदत बन चुकी है। ज्यादातर भारतीयों के दिन की शुरुआत अब चाय और टोस्ट से होने लगी है। एक तो यह जल्दी बन जाती है और स्वादिष्ट लगती हैं और दूसरी दिन की भागदौड़ से पहले ये कुछ पल का सुकून भी देते हैं।हालांकि, हाल के शोध यह बता रहे हैं कि यह आदत जितनी सुंदर लगती है, उतना सेहतमंद नहीं होती है।
चाय और सफेद ब्रेड टोस्ट के रोजाना का यह कॉम्बिनेशन धीरे-धीरे आपके शरीर पर बुरा असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि सुबह की चाय और टोस्ट कैसे बन जाते हैं सेहत के दुश्मन और क्या है इसके नुकसान ।
रिसर्च के अनुसार, जो लोग ज्यादातर रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और मीठे ड्रिंक्स जैसे दूध और चीनी से भरपूर चाय और सफेद ब्रेड टोस्ट का सेवन करते हैं ,उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है।इसका मतलब यह है कि शरीर के सेल्स धीरे-धीरे इंसुलिन पर सही प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं, जिससे शुगर का स्तर बढ़ जाता है और मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
बार-बार ऐसे नाश्ते को लेने से ब्लड शुगर जल्दी बढ़ता है और फिर अचानक गिर जाता है। इसका असर यह होता है कि कुछ घंटे बाद ही आपको फिर से भूख लगने लगती है, थकान महसूस होती है और एनर्जी कम हो जाती है।लंबे समय में यही आदत मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती है।
चाय हर किसी की पहली पसंद बन गई है।अगर यह चाय फुल-फैट दूध और दो-तीन चम्मच चीनी से बनी हो तो यह आपकी सेहत के लिए ओर ज्यादा नुकसानदेह हो सकती है।एक कप ऐसी चाय में लगभग 150-200 कैलोरी तक होती है और अगर आप दिन में दो से तीन बार ऐसी चाय पीते हैं तो ये कैलोरी धीरे-धीरे वजन बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती हैं।हालांकि चाय में मौजूद कैफीन थोड़ी मात्रा में फायदेमंद होती है।यह मन को फ्रेश करती है और फोकस बढ़ाती है।लेकिन ज्यादा मात्रा में यही कैफीन चिंता, नींद की समस्या और डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती है।
काली चाय में मौजूद टैनिन ज्यादा पीने पर आयरन के अवशोषण में भी बाधा डालते हैं, जिससे एनीमिया की संभावना बढ़ सकती है। अगर आप चाय के साथ हर रोज सफेद ब्रेड टोस्ट खाते हैं, तो आप अनजाने में हर सुबह हाई कार्ब और लो न्यूट्रिशन वाला नाश्ता ले रहे होते हैं, जो कुछ घंटों के लिए तो एनर्जी देता है, लेकिन बाद में शरीर को सुस्त बना देता है।
टोस्ट सुनने में जितना आसान और हल्का लगता है, उतना सेहतमंद नहीं होता है।ज्यादातर लोग सफेद ब्रेड का यूज करते हैं, जिसमें से फाइबर और जरूरी पोषक तत्व प्रोसेसिंग के दौरान निकाल दिए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि सफेद ब्रेड सिर्फ खाली कार्बोहाइड्रेट होती है, जो जल्दी पचती है और ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ा देती है, जिसके चलते थोड़ी ही देर में भूख फिर से लगने लगती है और आप जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं।
इसके अलावा सफेद ब्रेड में विटामिन B, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व बहुत कम होते हैं और अगर ब्रेड को ज्यादा टोस्ट कर दिया जाए यानी बहुत कुरकुरी या जली हुई बना दी जाए तो उसमें एक्रिलामाइड नामक केमिकल बनता है, जो लंबे समय में कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।टोस्ट के साथ लगाए जाने वाले टॉपिंग्स जैसे मक्खन, जैम, मार्जरीन या मीठे स्प्रेड, टेस्ट तो बढ़ाते हैं लेकिन इनमें छिपी हुई चीनी और ट्रांस फैट्स आपके शरीर के लिए और भी ज्यादा हानिकारक साबित होते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि अब चाय और टोस्ट छोड़ने पड़ेंगे तो घबराने की जरूरत नहीं, बस थोड़े से समझदारी भरे बदलाव से आप इस कॉम्बो को ज्यादा सेहतमंद बना सकते हैं।
1. चाय में बदलाव करें – धीरे-धीरे चीनी की मात्रा कम करें, फुल-फैट दूध की बजाय टोन्ड या प्लांट-बेस्ड दूध यूज करें। टेस्ट बढ़ाने के लिए इलायची, अदरक, दालचीनी जैसे मसाले डालें।ये न सिर्फ टेस्टी हैं, बल्कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।कोशिश करें कि दिन में दो से ज्यादा कप चाय न पिएं।
2. टोस्ट को बेहतर बनाएं – सफेद ब्रेड छोड़कर साबुत अनाज, मल्टीग्रेन या ओट ब्रेड लें। इनमें फाइबर और जटिल कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होते हैं, जिससे पाचन धीरे-धीरे होता है और भूख देर से लगती है।टोस्ट को ज्यादा जलाएं नहीं, हल्का सुनहरा रंग सबसे अच्छा होता है। टॉपिंग के लिए एवोकाडो, अंडे, हम्मस या पीनट बटर जैसे हेल्दी ऑप्शन चुनें।
