Homeदेशस्ट्रोक के बाद शरीर में क्या होता है? जान लें सारे हेल्थ...

स्ट्रोक के बाद शरीर में क्या होता है? जान लें सारे हेल्थ रिस्क और साइड इफेक्ट्स

Published on

स्ट्रोक से हर साल लगभग 1.5 करोड़ के आसपास लोग प्रभावित होते हैं।यह एक ऐसी स्थिति है जब अचानक ब्रेन तक ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। कुछ ही मिनटों में ब्रेन सेल्स काम करना बंद कर देते हैं और शरीर के कई सिस्टम प्रभावित हो जाते हैं। यह असर न सिर्फ तुरंत दिखता है बल्कि लंबे समय तक बना रह सकता है। इसलिए स्ट्रोक को समय पर पहचानना और इलाज कराना बहुत जरूरी है।

स्ट्रोक दो तरह का होता है। पहला, इस्केमिक स्ट्रोक जब ब्रेन तक जाने वाली नस ब्लॉक हो जाती है।यह अक्सर ब्लड क्लॉट या फैट डिपॉजिट की वजह से होता है। दूसरा, हेमरेजिक स्ट्रोक जब ब्रेन की नस फट जाती है और ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।दोनों ही कंडीशन जानलेवा हो सकती हैं।इसमें तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है।

स्ट्रोक का असर सबसे पहले रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दिख सकता है। अगर ब्रेन स्टेम प्रभावित हो तो सांस लेने की प्रोसेस अनियमित हो जाती है।कई मरीजों को स्लीप एपनिया की दिक्कत हो सकती है। वहीं, खाना निगलने में परेशानी के कारण फूड या लिक्विड फेफड़ों में चला जाता है जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

नर्वस सिस्टम भी स्ट्रोक से सीधे प्रभावित होता है।मरीज को बोलने, समझने और याद रखने में परेशानी हो सकती है।शरीर के कुछ हिस्सों में झनझनाहट, सुन्नपन या कमजोरी महसूस होती है।आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है और कई मरीजों को सीजर्स भी आ सकते हैं।

स्ट्रोक के बाद सर्कुलेटरी सिस्टम पर भी असर दिखता है।जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनमें दोबारा स्ट्रोक या हार्ट अटैक का रिस्क ज्यादा हो जाता है। लंबे समय तक बिस्तर पर रहने से ब्लड क्लॉट बनने का खतरा भी बढ़ता है।

मसल्स पर इसका गहरा असर होता है।शरीर का एक हिस्सा लकवाग्रस्त हो सकता है या कमजोर पड़ जाता है।बैलेंस और कोऑर्डिनेशन बिगड़ जाता है, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। मसल्स अकड़ने या बिना कंट्रोल सिकुड़ने लगते हैं।इसी वजह से फिजियोथेरेपी और रेगुलर एक्सरसाइज स्ट्रोक रिकवरी में जरूरी होती है।

स्ट्रोक के बाद डाइजेस्टिव और यूरिनरी सिस्टम भी प्रभावित हो सकते हैं। कब्ज, निगलने में परेशानी और कभी-कभी मल या यूरिन पर कंट्रोल खोना जैसी समस्याएं सामने आती हैं। सही डाइट, पर्याप्त पानी और हल्की एक्टिविटी इन दिक्कतों को कम कर सकती है।यूरिनरी ब्लैडर कंट्रोल वापस लाने के लिए एक्सरसाइज और दवाइयों का सहारा लिया जाता है।

स्ट्रोक का असर रिलेशनशिप और पर्सनल लाइफ पर भी पड़ सकता है कई मरीजों में फिजिकल रिलेशन की इच्छा कम हो जाती है, पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन और महिलाओं को ड्राईनेस की समस्या हो सकती है।डिप्रेशन और आत्मविश्वास की कमी भी रिश्तों को प्रभावित करती है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना और पार्टनर से ओपन बातचीत करना जरूरी है।

Latest articles

भूटान से दिल्ली पहुंचते ही सीधे LNJP पहुंचे पीएम मोदी,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से दिल्ली लौट आए हैं। एयरपोर्ट पर उतरने...

दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध पर खुलासा,तुर्की के जैश के हैंडलर से मिले थे उमर और मुजम्मिल

दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध उमर मोहम्मद और मुजम्मिल शकील को लेकर बड़ा खुलासा हुआ...

बिहार में वोटिंग का फाइनल डेटा जारी, महिलाओं ने पुरुषों से कितना ज्यादा वोट डाला?

#Final #voting# data #release #Bihar## women #men बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की...

पावर बैंक में दिख रहे ये संकेत तो समझिए बन चुका है टाइम बम हो सकता है बड़ा हादसा

आज के समय में पावर बैंक हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन...

More like this

भूटान से दिल्ली पहुंचते ही सीधे LNJP पहुंचे पीएम मोदी,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से दिल्ली लौट आए हैं। एयरपोर्ट पर उतरने...

दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध पर खुलासा,तुर्की के जैश के हैंडलर से मिले थे उमर और मुजम्मिल

दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध उमर मोहम्मद और मुजम्मिल शकील को लेकर बड़ा खुलासा हुआ...

बिहार में वोटिंग का फाइनल डेटा जारी, महिलाओं ने पुरुषों से कितना ज्यादा वोट डाला?

#Final #voting# data #release #Bihar## women #men बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की...