रक्षा क्षेत्र में भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है।देश को पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान मिल गया है। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A ने शुक्रवार (17 अक्टूबर) को सफल उड़ान भरी। तेजस का सफल परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की नासिक फैक्ट्री से किया गया। HAL की LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर विमान की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन भी किया गया।
तेजस 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, यह हवाई रक्षा के साथ-साथ जमीन पर हमला करने में भी सक्षम है। भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमान पहले ही है, लेकिन तेजस Mk1A एडवांस वर्जन है। इसमें कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।पिछले कुछ सालों में तेजस ने कई ट्रायल उड़ाने भरीं, लेकिन यह उड़ान आखिरी तैयारी के रूप में थी। इसी वजह से यह और ज्यादा खास हो गई।
वायुसेना ने पिछले महीने ही 26 सितंबर को मिग-21 को अपने बेड़े से रिटायर कर दिया है।आईएएनएस के मुताबिक, HAL का कहना है कि तेजस Mk1A के सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं।इस फाइटर जेट को ब्रह्मोस समेत विभिन्न स्वदेशी हथियारों से लैस किया जाएगा।तेजस Mk1A की रफ्तार 2200 किमी से भी अधिक है।यह तेजस लड़ाकू विमान का एडवांस वर्जन है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम हैं।
Mk1A के निर्माण में भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।इसमें लगे 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी हैं।भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया गया है।इस करार के मुताबिक, 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारतीय वायुसेना को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराए जाएंगे।