बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के सीटों के बंटवारे को लेकर बड़ा गतिरोध पैदा हो गया है।सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद यादव कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि कांग्रेस कुछ अहम सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है।इस बीच पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को सक्रिय किया है, जो इस मामले को सुलझाने के लिए लालू प्रसाद यादव के संपर्क में हैं।
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश सिंह ने बीती शाम लालू से मुलाकात की थी और आज भी वे इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलेंगे। माना जा रहा है कि अखिलेश सिंह महागठबंधन के लिए सीटों के फॉर्मूले का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के अनुसार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आज देर शाम दिल्ली जा सकते हैं। उनकी राहुल गांधी से मुलाकात होने की संभावना है।इस बैठक में महागठबंधन के आगामी चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे के मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी लेनिनिवादी (CPI-ML), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने चुनाव लड़ा था।उस समय आरजेडी को 144 सीटें, कांग्रेस को 70 सीटें, CPI-ML को 19, CPI को 6 और CPM को 4 सीटें दी गई थीं।
तब मुकेश सहनी गठबंधन के सीट बंटवारे की घोषणा के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर निकलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गए थे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन्हें अपने कोटे की 11 सीटें दी थीं।
अब महागठबंधन में मुकेश सहनी लंबे समय से शामिल हैं।इसके अलावा हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) भी सीट मिलने पर गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
आरजेडी के फॉर्मूले के अनुसार, पार्टी इस बार 138 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो 2020 के मुकाबले 6 सीटें कम हैं। कांग्रेस को अपनी हिस्सेदारी 70 से घटाकर 57 सीटों तक लानी होगी। CPI-ML को भी 19 की बजाय 18 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा।
मुकेश सहनी को 16 सीटें लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। CPI और CPM को पहले की तरह क्रमशः 6 और 4 सीटें दी जा सकती हैं।बाकी बची 4 सीटों में से 2-2 सीटें JMM और RLJP को दी जाने की संभावना है।
एक चर्चा यह भी है कि लालू यादव ने पशुपति पारस को गठबंधन में शामिल करने के लिए कहा है कि वे आरजेडी में अपनी पार्टी का विलय करें।पारस अपने बेटे को चुनाव लड़ाने को लेकर परेशान हैं, जहां वर्तमान में आरजेडी के रामवृक्ष सदा विधायक हैं।