आपने पिछले कुछ महीनों में यह लगातार सुना या फिर पढ़ा होगा कि लोगों को दिल के दौरे पड़ रहे हैं।नाचते वक्त, खाते-पीते वक्त शादियों में लोग गिर जा रहे हैं और उनकी मौत हो जा रही है। कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी के साथ बढ़े हैं। आप सोचिए कि आप घर में अकेले हैं और उस वक्त आपको हार्ट अटैक आता है, तो आप क्या करेंगे। क्योंकि उस वक्त आपकी मदद के लिए कोई तो होगा नहीं।अगर आप यह सोचकर घबरा गए हैं, तो घबराइए मत।चलिए आज हम आपको एक्सपर्ट के कुछ उपाय बताते हैं, जिसमें अगर आप अकेले घर में हैं और हार्ट अटैक जैसी दिक्कत होती है, तो आप इससे बचाव कैसे कर सकते हैं?
हार्ट अटैक भले ही आपको लगे कि यह अचानक आता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह अचानक नहीं होता है। यह तब होता है, जब हमारी आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल और फैट जमा हो जाती हैं।जिससे प्लाक बनता है, ये प्लाक न केवल खून के बहाव में दिक्कत करता है, बल्कि दिल की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचाता है।डॉक्टर कहते हैं कि जब लोग अकेले होते हैं, और हार्ट अटैक होता है तो यह और भी खतरनाक और जानलेवा हो जाता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि आपको इसे लेकर अवेयर रहना होता है, ताकि आप खुद की जिंदगी बचा सकें। हार्ट अटैक के कुछ लक्षण होते हैं, जिसमें सीने में तेज़ या दबाव वाला दर्द, दर्द का हाथों (खासकर बाएं हाथ), गर्दन, जबड़े और पीठ तक फैलना, सांस लेने में कठिनाई, तेज थकान, मितली और उल्टी और जरूरत से ज्यादा पसीना आना शामिल है।अगर आपको इस तरह की कोई दिक्कत दिखती है तो डॉक्टर के अनुसार इस तरह के मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।इसके अलावा, महिलाओं में लक्षण अलग हो सकते हैं, जैसे गर्दन, हाथ या पीठ में तेज दर्द। कई बार दिल का दौरा अचानक नहीं पड़ता है।बहुत से लोगों को इसके चेतावनी संकेत घंटों, दिनों या हफ्तों पहले दिखने लगता है।लगातार सीने में दर्द या दबाव रहना, जो आराम करने से भी न जाए, दिल के दौरे का शुरुआती संकेत हो सकता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आप अकेले हैं और हार्ट अटैक आता है तो सबसे पहले तुरंत इमरजेंसी सर्विस को कॉल करें।ऑपरेटर को स्थिति बताएं और उनकी सलाह का पालन करें। दूसरी सबसे जरूरी बात यह है कि जैसे ही दिल का दौरा पड़ने के लक्षण महसूस हों, एक एस्पिरिन की गोली चबाकर निगल लें। डॉक्टरों के अनुसार यह हार्ट अटैक के मामलों को गंभीर होने से रोकती है। अगर आपको लग रहा है कि आपको हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत ऐसी पोजिशन में बैठ जाएं जो आपके लिए आरामदायक हो। जब तक एम्बुलेंस या डॉक्टर न आएं, किसी दोस्त, परिवार के सदस्य या पड़ोसी को तुरंत कॉल करें ताकि वे मदद कर सकें।