बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नए चेहरों की एंट्री की चर्चाएं तेज होती जा रही हैं।इसी कड़ी में अब लोकगायिका मैथिली ठाकुर का नाम सुर्खियों में है। बीजेपी नेताओं से हालिया मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें मधुबनी जिले की बेनीपट्टी या दरभंगा की अलीनगर सीट से टिकट दे सकती है।
मीडिया से बातचीत में मैथिली ठाकुर ने अपने गृह क्षेत्र बेनीपट्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा जताकर राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अगर भरोसा जताती है तो अपने गृह जिले की किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।मैथिली ने बताया कि अभी वे जबलपुर से एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं।जहां दिल्ली में उनकी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होगी।
मैथिली ठाकुर ने कहा कि,मेरा अपने क्षेत्र से भावनात्मक जुड़ाव है।अगर मैं वहीं से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करती हूं, तो बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। उनकी यह टिप्पणी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं विनोद तावड़े और नित्यानंद राय से मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद आई है, जिससे टिकट को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं।
बेनीपट्टी सीट से मौजूदा बीजेपी विधायक विनोद नारायण झा लंबे समय से पार्टी के दिग्गज चेहरों में गिने जाते हैं।दो बार विधायक और एक बार एमएलसी रह चुके झा न सिर्फ जेपी आंदोलन के सिपाही रहे हैं बल्कि दिवंगत सुशील मोदी के भी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए उनका टिकट काटना आसान नहीं होगा।इसके बावजूद पार्टी के अंदर यह भी राय है कि अगर स्थानीय समीकरण और युवाओं का रुझान देखा जाए तो मैथिली ठाकुर मिथिलांचल की राजनीति में ताजगी ला सकती हैं।
मैथिली ठाकुर के पिता रमेश ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम अलीनगर सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं।इस सीट पर भी हमें कोई परेशानी नहीं है।अगर बीजेपी इस सीट के लिए भी मैथिली पर भरोसा जताती है तो पूरी ताकत के साथ हमलोग मैदान में उतरेंगे। अटकलें यह है कि बीजेपी अलीनगर सीट मैथिली की झोली में डाल सकती है।
गौरतलब है कि इस सीट पर मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लग चुके हैं।मिश्रीलाल पहले मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी से चुनाव जीते थे. बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में बीजेपी के लिए इस सीट पर नया चेहरा उतारना रणनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है।
मिथिलांचल क्षेत्र में मैथिली ठाकुर का नाम सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। उन्होंने मिथिला, भोजपुरी और हिंदी में सैकड़ों लोकगीत और भजन गाकर लाखों लोगों का दिल जीता है। सोशल मीडिया पर उनके करोड़ों प्रशंसक हैं, जिनमें युवा वर्ग की बड़ी हिस्सेदारी है।