आजकल इंसान की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है, ऑफिस में घंटों लैपटॉप पर काम करना या फिर मोबाइल में डेली घंटों रील स्क्रोल करना। हमारी लाइफस्टाइल में ये चीजें शामिल हो चुकी हैं।इसका काफी निगेटिव इम्पेक्ट हमारी सेहत पर पड़ रहा है। को लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिनमें से एक है सर्वाइकल।लगातार गलत पाश्चर में बैठने से यह समस्या यूथ में काफी तेजी से बढ़ रही है। चलिए आपको बताते हैं कि यह बीमारी कितनी खतरनाक है और इससे लोगों पर क्या असर होता है।
लगातार गलत पोस्चर में बैठने का नतीजा है कि गर्दन पर सिर का दबाव काफी ज्यादा हो रहा है, जिसके चलते हड्डियों और डिस्क में घिसाव की समस्या बढ़ रही है। इसके चलते दर्द, अकड़न, झनझनाहट, खराब पाश्चर को लेकर बड़ी संखया में लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।एक सामान्य सिर का वजन 4 से 5 किलोग्राम के बीच होता है, लेकिन गलत पोस्चर में बैठने की वजह से नेक पर इसका भार 12 किलो से 27 किलोग्राम तक हो जाता है।
अगर गर्दन लगातार झुकी रहती है, तो सर्वाइकल होने का चांस काफी ज्यादा बढ़ जाता है।इसका जो शुरुआती लक्षण होता है ,वह गर्दन के अकड़ने और दर्द से शुरू होता है।अगर इसे इग्नोर किया जाए, तो समय के साथ यह बड़ी समस्या बन जाता है, जैसे कि सिरदर्द, टेंस नर्वस हेडक और मांसपेशियों की कमजोरी का रूप हो जाता है।अगर स्थिति हाथ से निकल जाए तो इसे डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ती है और इसमें फिजिकल थेरपी, पेन किलर और कभी-कभी सर्जरी की जरूरत भी पड़ जाती है।
अगर आप चाहते हैं कि आपको सर्वाइकल की दिक्कत न हो, तो आपको अपने लाइफस्टाइल और डेली रूटीन में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है, जैसे कि-
सीधा बैठें: कोशिश करें कि जो भी काम कर रहे हैं, उसे सीधा बैठकर करें।इसके लिए लैपटॉप और मोबाइल को ऊंचाई पर रखें, ताकि गर्दन झुका कर काम न करना पड़े.
ब्रेक लें: हर 30 से 50 मिनट के बाद उठें और अपनी गर्दन को थोड़ा हिलाएं-डुलाएं, जिससे अकड़ने की समस्या न हो।
सही पोस्चर: सबसे जरूरी चीज है सही पोस्चर बनाए रखना, इससे गर्दन पर सर का ज्यादा भार नहीं पड़ेगा
हड्डी एवं नस से जुड़े विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि मोबाइल फोन चलाते समय गर्दन झुकाना हमारी सबसे बड़ी गलती है।अगर आप लगातार ऐसा करते हैं, तो यह सर्वाइकल जैसी समस्या को जन्म दे सकती है इसलिए आप अपनी आदत का बदलें और स्कीन को आंखों के बराबर रखें.।लंबे समय तक एक स्थिति में न बैठें तथा नियमित रूप से गर्दन और पीठ की एक्सरसाइज करें।