दिल्ली की सर्दियों में घुटन भरे प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वैज्ञानिकों की साझा कोशिश अब धरातल पर उतरने जा रही है। DGCA ने IIT कानपुर को 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक राजधानी में क्लाउड सीडिंग की अनुमति दे दी है। यह देश में पहली बार है जब औपचारिक रूप से कृत्रिम वर्षा का रास्ता खुल रहा है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में, DGCA ने IIT कानपुर को दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की इजाजत दी है। इस पहल को लेकर पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यह भारत की प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक कदम है।
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने बताया कि विमान को स्टैंडबाय पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही मौसम और वैज्ञानिक परिस्थितियां अनुकूल होंगी, 1 से 11 अक्टूबर के बीच शुरुआती ट्रायल शुरू करने की कोशिश होगी। उनका कहना है कि लोगों को प्रदूषण से जल्द से जल्द राहत मिलना सरकार की प्राथमिकता है।
अनुमति के तहत IIT कानपुर की टीम VT-IIT (Cessna 206H) विमान का उपयोग करेगी।DGCA के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल लाइसेंसधारी और अनुभवी पायलट ही उड़ान भरेंगे। उड़ानें सुरक्षा मानकों के अंतर्गत VFR नियमों का पालन करते हुए, ATC क्लीयरेंस और एयरपोर्ट प्राधिकरण के सहयोग से की जाएंगी
DGCA ने स्पष्ट किया है कि उड़ान के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्रों से बचना अनिवार्य होगा। किसी भी तरह की हवाई फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होगी और विदेशी चालक दल शामिल नहीं होंगे। सभी प्रक्रियाएं सुरक्षा और गोपनीयता मानकों को ध्यान में रखते हुए होंगी।
सिरसा ने कहा कि क्लाउड सीडिंग की कोशिशें दिल्ली की 24×7 क्लीन एयर स्ट्रैटेजी का हिस्सा हैं।इसका मकसद खासकर सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को बचाना और उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।
गौरतलब है कि, IIT कानपुर को पहले भी क्लाउड सीडिंग की अनुमति मिली थी, लेकिन जुलाई में अनुकूल मौसम न होने के कारण ट्रायल नहीं हो पाया था। अब नई समय-सीमा में मौसम की स्थिति बेहतर होने पर ट्रायल पूरे किए जाएंगे।