आज के समय में जब युवा महिलाएं अपने करियर, परिवार और समाज में संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं, तब उनके हेल्थ रिस्क भी तेजी से बदल रहे हैं पहले हार्ट अटैक मुख्य रूप से ज्यादा उम्र वाले लोगों को आया करता था। लेकिन अब 30-45 साल की युवा महिलाओं में यह खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
डॉ. बिमल छाजेड़ का कहना है कि, इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे दिनचर्या में बदलाव, तनाव, हर्मोनल बदलाव और गलत खानपान, यदि हम समय रहते इस पर ध्यान दें और अपने शरीर को समझें, तो इसे रोका जा सकता है।
हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों पर गौर करें तो इसके अंतर्गत निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं।
सीने में हल्की या लगातार बेचैनी महसूस होना।
कभी-कभी सांस फूलना।
थकान या वजन अचानक से बढने लगना
पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द, जो आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
उल्टी या चक्कर आना
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक के कारणों पर विचार करें तो महिलाओं में हार्ट अटैक के निम्न कारण हो सकते है कि-
काम का दबाव या किसी चीज का तनाव हार्ट की बीमारी का प्रमुख कारण बन रहे हैं।
जंक फूड, योगा नहीं करना और सोने, उठने का एक समय न होना।
महिलाओं में estrogen स्तर में गिरावट या hormonal disorders का होना
यदि परिवार में किसी को हार्ट की बीमारी है, तो उनमें हार्ट अटैक होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
कई बार ये सिगरेट और शराब पीने की वजह से भी होता है।
इससे बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाए है सकते हैं।
युवा महिलाएं यदि अपने रोज के रुटीन में थोड़े बदलाव करें तो हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है
फल, सब्जी, omega-3 fatty acids से भरपूर आहार लेना शुरू कर दें
कम से कम 30 मिनट चलन या योग करना जरूरी है।
मेडिटेशन करना भी बेहतर होता है।
शराब और सिगरेट से दूरी बनाना जरूरी है।
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक होना आजकल आम हो गया है, लेकिन सही जानकारी, सतर्कता और स्वस्थ जीवन अपनाने से इस खतरे को कम किया जा सकता है अपनी heart health का ध्यान रखना न केवल आपकी उम्र को लंबा करता है, बल्कि जीवन को भी आसान बना देता है।