नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के पद छोड़ने के बाद अब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफा दे दिया है। स्थिति तब गंभीर हो गई जब सोशल मीडिया ऐप्स पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक रूप ले बैठा।अब तक की घटनाओं में से कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है और राजधानी समेत कई हिस्सों में आगजनी और तोड़फोड़ जारी है।
नेपाल सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।इसी फैसले के खिलाफ विरोध की शुरुआत हुई, लेकिन देखते-देखते यह आंदोलन बेकाबू हो गया।हिंसा फैलने के बाद सरकार ने बैन का फैसला वापस ले लिया, बावजूद इसके जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भीड़ ने संसद भवन को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के दफ्तर समेत कई मंत्रियों और नेताओं के दफ्तरों में घुसकर तोड़फोड़ की।हालात इतने बिगड़ गए हैं कि राजधानी काठमांडू के कई इलाकों में पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प जारी है।
नेपाल की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। विदेश मंत्रालय ने एडवायजरी जारी कर भारतीय नागरिकों को नेपाल यात्रा न करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान हालात बेहद अस्थिर हैं, इसलिए फिलहाल यात्रा से बचें
विदेश मंत्रालय ने नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को आगाह किया है कि वे अपने घर या निवास स्थान से बाहर न निकलें. मंत्रालय ने कहा है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें और स्थिति सामान्य होने तक पूरी सावधानी बरतें. नेपाल का यह संकट सिर्फ उसकी आंतरिक राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ सकता है.