अमेरिका ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के F-16 विमानों को हुए नुकसान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उसने कहा है कि इसके बारे में पाकिस्तान सरकार से पूछना चाहिए। दरअसल, भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को जवाब दिया था। 7 मई से 10 मई के बीच 88 घंटे तक चले इस भीषण संघर्ष में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। हाल में ही भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने खुलासा किया था कि इस दौरान पाकिस्तान को 5 लड़ाकू विमान खोने पड़े थे, जिनमें दो अमेरिकी F-16 थे।
मीडिया ने अमेरिकी विदेश विभाग से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 लड़ाकू विमानों को हुए नुकसान से संबंधित प्रश्न पूछा था। इसके जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि हम आपको पाकिस्तान सरकार से उसके F-16 विमानों के बारे में चर्चा करने के लिए कहते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों की स्थिति की पूरी जानकारी अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टरों के माध्यम से रखता है। इन्हें तकनीकी सहायता दल (TST) के रूप में जाना जाता है। अमेरिका के ये कॉन्ट्रैक्टर पाकिस्तान में अमेरिका में निर्मित F-16 विमानों के उपयोग की निगरानी के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं।
ये कॉन्ट्रैक्टर पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित विस्तृत अंतिम-उपयोग समझौतों के अनुसार काम करते हैं। ये समझौते उन शर्तों को परिभाषित करते हैं जिनके तहत पाकिस्तान के F-16 विमानों का युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है और यही वह आधार है जिसके आधार पर इस्लामाबाद को अपने F-16 बेड़े के रखरखाव और उसे बनाए रखने के लिए अमेरिकी सहायता मिलती है। इसलिए, ये तकनीकी सहायता दल या कॉन्ट्रैक्टर डील के तहत पाकिस्तान के सभी F-16 विमानों की स्थिति के बारे में हर समय पूरी जानकारी रखने के लिए बाध्य हैं।