पेंटागन के पूर्व अधिकारी और मध्य पूर्व विश्लेषक माइकल रुबिन ने बताया कि पाकिस्तान का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है।उन्होंने सेना प्रमुख असीम मुनीर के बयानों की तुलना ISIS और ओसामा बिन लादेन द्वारा पहले दिए गए बयानों से की। रुबिन ने कहा कि पाकिस्तान कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह एक राष्ट्र होने की जिम्मेदारियां निभा पाएगा।फील्ड मार्शल की बयानबाजी इस्लामिक स्टेट से सुनी गई बातों की याद दिलाती है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिकी धरती से कहा था कि हम एक परमाणु राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम नीचे जा रहे हैं, तो हम अपने साथ आधी दुनिया को भी नीचे ले जाएंगे।
रुबिन ने पाकिस्तान का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीनने की मांग की है। साथ ही पाक को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने की भी मांग की।रुबिन ने यह भी सुझाव दिया कि जनरल मुनीर को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया जाना चाहिए और उनके अमेरिकी वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।
रुबिन ने कहा कि जब असीम मुनीर परमाणु धमकी दे रहे थे, उसके 30 मिनट के भीतर ही उन्हें बाहर निकाल दिया जाना चाहिए था।टाम्पा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया जाना चाहिए था, और अमेरिका से बाहर भेज दिया जाना चाहिए था।
पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति ट्रंप का पाकिस्तान के साथ निरंतर संपर्क बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का दृष्टिकोण अमेरिका -भारत साझेदारी के लिए पारंपरिक रूप से मजबूत द्विदलीय समर्थन से अलग है, जो जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन के बाद से विकसित हुआ है।
रुबिन ने असीम मुनीर पर हमला जारी रखते हुए कहा कि असीम मुनीर सूट पहने ओसामा बिन लादेन हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु धमकियां आतंकवादी तत्वों को परमाणु हथियारों के साथ अराजकता फैलाने का मौका दे सकती हैं। रुबिन ने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार पर सैन्य निगरानी करे ।