भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा है कि भारत-चीन सीमा की स्थिति अब स्थिर है और दोनों देश अब सीमा प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़े नियमों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चार साल के सैन्य गतिरोध के बाद अब दोनों पक्ष रिश्तों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
राजदूत शू ने कहा कि कैलाश-मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू करने की योजना तैयार है।उनका मानना है कि इस यात्रा की बहाली से भारत और चीन के संबंधों को ‘नई ऊर्जा’ मिलेगी और जन स्तर पर विश्वास बहाल होगा।
शू फेइहोंग ने बताया कि दोनों देश निवेश और व्यापार से जुड़े मुद्दों को भी हल करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर पारदर्शी और रचनात्मक संवाद जरूरी है, जिससे आर्थिक संबंध और मजबूत हो सकें।
जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन के पाकिस्तान समर्थन पर सवाल उठा, तो राजदूत ने स्पष्ट किया कि भारत-चीन संबंध किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजिंग का पाकिस्तान से रिश्ता भारत के खिलाफ नहीं है।
राजदूत शू ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि बीजिंग ने भारत के विदेश मंत्रालय की उस बात को “नोट” किया है जिसमें भारत ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाया है।