अमेरिका ने रविवार को तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमला किया।अमेरिकन स्टील्थ बॉम्बर’ और 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-बस्टर बम’ ने जमीन के अंदर गहरे में दबे ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया। अमेरिकी हमले के बाद देश-विदेश से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से फोन पर बात की है।
इजराइल और अमेरिका से जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की।पीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की है।उन्होंने हाल ही में हुई तनातनी की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की जल्द बहाली की बात कही।
ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमले के मद्देनजर ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन ने यह कॉल की थी।राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह कॉल 45 मिनट तक चली।ईरानी राष्ट्रपति ने भारत को क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने वाला मित्र और साझेदार बताया और भारत के रुख और तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति के आह्वान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की बहाली में भारत की आवाज और भूमिका महत्वपूर्ण थी।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने अपनी खबर में देश के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की पुष्टि की।ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने ‘ईरान के खिलाफ खतरनाक युद्ध शुरू किया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ईरान अमेरिकी सैन्य आक्रमण और शासन द्वारा किए गए अपराधों के खिलाफ पूरी ताकत से विरोध करने तथा ईरान की सुरक्षा एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का अपना अधिकार रखता है।
ईरान ने कहा है कि उसने अमेरिका के हमले के बाद अपने सबसे बड़े बैलिस्टिक मिसाइल से इजराइल पर निशाना साधा है। ईरान की सरकारी टीवी ने ‘खोर्रमशहर-4’ मिसाइल के पिछले परीक्षण के फुटेज दिखाए, जिसके साथ स्क्रीन पर कैप्शन में लिखा गया है कि इसका इस्तेमाल रविवार को इजराइल पर बमबारी में किया गया था। ‘खोर्रमशहर-4’, ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल बेड़े के सबसे भारी मिसाइलों में से एक है। ईरान का कहना है कि मिसाइल की रेंज 2,000 किलोमीटर है और इसमें 1,500 किलोग्राम का ‘वारहेड’ है।
इजराइल ने करीब एक सप्ताह से अधिक समय से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और उसकी हवाई रक्षा एवं मिसाइल क्षमताओं को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने के साथ परमाणु संवर्धन इकाइयों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके बाद अमेरिका को सीधे तौर पर इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया है।