प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया।यह देश का पहला केबल-स्टे अंजी ब्रिज भी है। यह फ्रांस के एफिल टावर से भी ऊंचा है।यह पुल चिनाब नदी पर बना है और उधमपुर-श्रीनगर के बीच रेल लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है। एक नजर डालते हैं इस पुल की खासियत पर।
यह पुल आठ साल से अधिक समय में बनकर तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का शुक्रवार को उद्घाटन किया।
इस पुल को बनाने में 1486 करोड़ रुपये की लागत लगी है।इसकी ऊंचाई फ्रांस के एफिल टावर से भी ज्यादा है। यह भारत की पहली केबल-स्टेड रेलवे पुल है। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उपस्थित थे।
वास्तुकला का अद्भुत नमूना चिनाब रेलवे पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है।यह 1,315 मीटर लंबा इस्पात का मेहराब वाला आर्च ब्रिज पुल है जिसे भूकंपीय और वायु संबंधी परिस्थितियों को झेल सकने के अनुकूल बनाया गया है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह पुल कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे मार्ग में अहम संपर्क सुविधा प्रदान करेगी।इसके निर्माण को 2002 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन इस पर काम 2017 में शुरू हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चिनाब ब्रिज को बनाने में 28 हजार से ज्यादा मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।साथ ही 46 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट का भी इस्तेमाल किया गया है।इस पुल में 6 लाख से ज्यादा बोल्ट भी लगे हैं।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है।इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह भारी तूफान, तेज हवाओं और यहां तक कि विस्फोटों को भी झेलने में सक्षम है।पुल के डेक की कुल चौड़ाई 15 मीटर है। अंजी पुल 82 मीटर से लेकर 295 मीटर तक के 96 केबल पर टिका है।
इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूल को देश विशेष कर जम्मू कश्मीर के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताई ।उन्होंने कहा कि इस पुल के निर्माण से वर्ष भर कश्मीर में कनेक्टिविटी बनी रहेगी,जिससे यहां पर्यटकों का आना-जाना ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके अलावा कश्मीर के सेव,केसर और अन्य उपयोगी सामग्रियों को रेल के सहारे देश और दुनिया में भेजना भी आसान हो जाएगा।इस अवसर पर उन्होंने पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश हुए कहा की पाकिस्तान कश्मीर में कभी भी शांति और विकास का पक्षधर नहीं रहा है, उल्टे पहलगाम जैसी घटनाओं को अंजाम देकर वह जम्मू और कश्मीर की पर्यटन उद्योग को चौपट करने पर तुला हुआ है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब अगर वह इस प्रकार की कायरतापूर्ण आतंकवादी कार्रवाई को जारी रखेगा, तो दुनिया के नक्शे से उसका नामों निशान मिटा दिया जाएगा।