कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान के बयानों की ओर इशारा करते हुए रक्षा तैयारियों पर और सवाल खड़े कर दिए।पवन खेड़ा ने एक न्यूज एजेंसी से एक बातचीत के दौरान कहा कि हर दिन सवाल उठ रहे हैं, उनमें से सबसे बड़ा सवाल डोनाल्ड ट्रंप का दावा है।हम संघर्ष विराम की शर्तों को भी जानना चाहते हैं, यह अचानक क्यों किया गया और अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसकी घोषणा क्यों की?सीडीएस के बयानों से फिर कई सवाल उठते हैं।सरकार को आगे आने की जरूरत है।देश को हमारी रक्षा तैयारियों को जानने की जरूरत है।
ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर में अमेरिकी हस्तक्षेप का किया दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त कराने का श्रेय लिया। ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन की व्यापार वार्ता ने दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध को संभावित रूप से टाल दिया।ट्रंप के दावे के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका पर बहस फिर से शुरू हो गई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष में विमान के नुकसान के बाद, भारत ने अपनी रणनीति में सुधार किया और पाकिस्तानी क्षेत्र में काफी अंदर तक हमला किया। उन्होंने छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के इस्लामाबाद के दावे को भी सरासर गलत बताया।ब्लूमबर्ग टीवी’ के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रारंभिक नुकसान के कारणों का पता लगाने के बाद भारत ने अपने सभी लड़ाकू विमान उड़ाए और पाकिस्तान में सटीक हमले किए। सीडीएस ने कहा कि मुझे लगता है कि लड़ाकू विमान का गिरना महत्वपूर्ण बात नहीं है,बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि वे क्यों गिरे? ऑपरेशन सिंदूर के दौरान छह भारतीय विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रविवार को निराशा व्यक्त की कि रक्षा मंत्री ने सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों के बाद दो सर्वदलीय बैठकों में विपक्षी नेताओं के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं की।उन्होंने आगे सवाल किया कि सरकार ने विपक्षी नेताओं के साथ जानकारी साझा करने और संसद का विशेष सत्र बुलाने के बजाय जनरल चौहान द्वारा यह खुलासा किए जाने का इंतजार क्यों किया? रमेश ने कहा कि यह बेहतर होता कि जो उन्होंने कहा है, उसे रक्षा मंत्री ने उन दो सर्वदलीय बैठकों में कह दिया होता जिनकी अध्यक्षता उन्होंने की थी। जनरल चौहान ने जो कुछ भी कहा है, यह जानकारी विपक्षी नेताओं के साथ साझा की जानी चाहिए थी और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए था।हमें सिंगापुर से जनरल चौहान द्वारा ये खुलासे किए जाने का इंतजार करना पड़ा।