इंटरनेट और मोबाइल ऐप्स की दुनिया इतनी तेजी से फैल चुकी है कि इससे जुड़े अपराधों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं।आज के डिजिटल दौर में डेटिंग ऐप्स का चलन तेजी से बढ़ा है हर कोई अपने मनपसंद साथी की तलाश में Tinder, Bumble और Hinge जैसे ऐप्स डेटिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। इनसे ही मिलता जुलता एक और डेटिंग ऐप ग्रिंडर (Grindr) भी चर्चा में है।
हालांकि यह ऐप बाकियों डेटिंग ऐप्स से थोड़ा अलग और खतरनाक है। ऐसा इसलिए है क्यूंकि यह ऐप अपराधियों के लिए एक नया हथियार बनता जा रहा है।इससे जुड़ी घटनाएं लोगों के लिए चिंता का कारण बन रही हैं। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है यह ऐप और यह क्यों चिंता का विषय बना हुआ है
ग्रिंडर एक क्वीयर डेटिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे खासतौर पर LGBTQ+ समुदाय यानी लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीयर लोगों के लिए तैयार किया गया है।
ऐप का दावा है कि यह इस समुदाय के लिए दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है।यह गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध हैभारत में भी इसके लाखों यूजर्स है।
ताजा मामला ग्रेटर चेन्नई से आया है जहां पुलिस ने हाल ही में एक गंभीर साइबर अपराध का खुलासा किया है. जांच में पता चला है कि कुछ लोग डेटिंग ऐप Grindr पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर अन्य यूजर्स को धोखा दे रहे हैं।इनमें से कई मामलों में लड़के, लड़कियों की तस्वीरें और झूठी जानकारी का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे दूसरों को अपने जाल में फंसा सकें।
पुलिस के अनुसार, इन फेक प्रोफाइल्स का उद्देश्य केवल मजाक करना नहीं होता, बल्कि कई बार ये लोग ठगी, ब्लैकमेलिंग और निजी जानकारी की चोरी जैसे आपराधिक इरादों से ऐसा करते हैं. अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
Grindr जैसे प्लेटफॉर्म्स LGBTQ+ समुदाय के लिए एक अहम सोशल नेटवर्किंग माध्यम बन सकते हैं, बशर्ते इनका उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए. ऐसे संवेदनशील प्लेटफॉर्म्स पर एक्टिव रहते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।किसी भी ऑनलाइन बातचीत या मुलाकात से पहले सामने वाले व्यक्ति की पहचान की पुष्टि कर लें और निजी जानकारी साझा करने से पहले पूरी तरह सोच-विचार करें।सतर्कता ही ऐसे माध्यमों को सुरक्षित और उपयोगी बनाए रख सकती है।