बीसीसीआई(BCCI) इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में गेंद पर लार (saliva) लगाने के प्रतिबंध को हटाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।यदि यह प्रस्ताव मंजूरी पा जाता है, तो इसका असर वैश्विक क्रिकेट पर भी पड़ सकता है।इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुंबई में सभी आईपीएल टीमों के कप्तानों की बैठक आयोजित होगी।
BCCI के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर पहले ही व्यापक विचार-विमर्श हो चुका है।अब इसे फ्रेंचाइजी कप्तानों के सामने रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि ICC ने कोविड-19 महामारी के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।2022 में इस रोक को स्थायी रूप से लागू कर दिया गया।
BCCI के एक शीर्ष अधिकारी ने इस मुद्दे पर कहा कि हम जानते हैं कि लाल गेंद क्रिकेट में लार का प्रभाव अधिक होता था।लेकिन सफेद गेंद क्रिकेट में भी यह गेंदबाजों की मदद करता था। चूंकि आईपीएल एक ट्रेंड-सेटिंग टूर्नामेंट है, हमें इसे अपनाने में कोई समस्या नहीं दिखती है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेते हैं।
यदि आईपीएल में यह प्रतिबंध हटाया जाता है, तो आईसीसी को भी अपने मौजूदा रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
स्लाइवा को लेकर तेज गेंदबाज भी क्रिकेट में इसकी वापसी का निवेदन करते रहे है।भारत के अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी भी इस नियम की वापसी का निवेदन कर चुके हैं।
क्रिकेट में गेंद पर स्लाइवा (थूक) लगाने से गेंद की स्विंग और रिवर्स स्विंग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जब गेंदबाज गेंद के एक तरफ स्लाइवा लगाकर उसे चमकाते हैं और दूसरी तरफ खुरदरी रखते हैं, तो गेंद हवा में गति के दौरान अलग-अलग दबाव अनुभव करती है, जिससे उसकी दिशा में बदलाव आता है।
नई गेंद पर एक तरफ चमक बनाए रखने से हवा की गति प्रभावित होती है। इससे गेंदबाज उसे स्विंग करा सकते हैं (आमतौर पर आउटस्विंग या इंस्विंग)।
पुरानी गेंद के एक तरफ चमक बनाए रखने और दूसरी तरफ उसे अधिक खुरदरा छोड़ने से गेंद उल्टी दिशा में स्विंग करने लगती है,जिससे बल्लेबाज को खेलना मुश्किल हो जाता है।
आईपीएल के मौजूदा खेल शर्तों के अनुसार, गेंद पर लार लगाने पर पहली बार में कप्तान को चेतावनी दी जाती है।दूसरी बार वही गलती दोहराने पर अतिम चेतावनी मिलती है,जबकि तीसरी बार लार लगाने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या खिलाड़ी की
मैच फीस का 25% काटा जाता है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीसीसीआई इस नियम में बदलाव कर गेंदबाजों को राहत देने का निर्णय लेता है या नहीं।