दिल्ली में विधान सभा चुनाव का नतीजा आने के बाद अब एक तरफ जहां बीजेपी के अंदर मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने के लिए माथापच्ची हो रही है तो वहीं विपक्षी राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी के लिए भी नेता विपक्ष का चुना जाना एक समस्या है।अगर अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया जैसे आम आदमी पार्टी के बड़े नेता चुनाव जीते होते तो नेता विपक्ष के चुनाव को लेकर कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता।लेकिन ऐसा हुआ नहीं।अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया और अन्य कई आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता चुनाव हार गए ,जिस कारण आम आदमी विपक्ष के नेता को लेकर उठ रही है. आम आदमी पार्टी को भी नेता विपक्ष के चेहरे के लिए जबरदस्त माथापच्ची करनी पड़ रही है। नेता विपक्ष के तौर पर आम आदमी पार्टी उस विधायक का चयन करना चाहती है जो बीजेपी के नीतियों का जबरदस्त ढंग से विरोध कर सके।ऐसे में जबकि मौजूदा समय में पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता चुनाव हार गए हैं तब या तो किसी बचे हुए अनुभवी विधायक को नेता विपक्ष बनाया जा सकता है या फिर किसी नए चेहरे को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है जिसे केजरीवाल जैसे बड़े नेता बाहर से कठपुतली की तरह नचा सके।आइए एक नजर डालते हैं आम आदमी पार्टी के संभावित नेता विपक्ष के चेहरे पर।
नेता विपक्ष के लिए अगर पार्टी के अनुभवी और वरिष्ठ चेहरे को प्राथमिकता मिलती है तो इस मामले में आतिशी और गोपाल राय का नाम उभरकर सामने आता है। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी और पूर्व मंत्री गोपाल राय दोनों ही वरिष्ट नेता हैं। दोनों ही नेताओं के पास अच्छा राजनीतिक अनुभव भी है।आतिशी सीएम का पद संभाल चुकी हैं।गोपाल राय पार्टी के पुराने नेता रहे हैं और फिर एक बार बाबरपुर सीट से चुनाव जीतकर आए हैं।ये पार्टी के संगठन की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।यही कारण है कि इन दोनों नामों कि चर्चा खूब हो रही है।
इन दो नामों के अलावा नेता प्रतिपक्ष के लिए दिल्ली के बुराड़ी सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा का नाम भी सामने आ रहा है।विपक्ष के नेता बनाए जाने के लिए संजीव झा में भी जय खासियत है। संजीव झा लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।इन्होंने नॉर्थ दिल्ली में पार्टी को मजबूत किया है।ऐसे में इस बार पार्टी उन पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।सजीव झा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भी है। इन्होंने विभिन्न राज्यों में होनेवाले चुनावों प्रभारी होने का दायित्व भी निभाया है।
इसके अलावा तुगलकाबाद से विधायक सहीराम पहलवान भी अनुभवी नेता हैं ।लेकिन पार्टी किसी अनुभवी राजनीतिक चेहरे को ही ये पद देना चाहती है।अब देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी क्या निर्णय लेती है।