अखिलेश अखिल
बिहार के सीएम नीतीश कुमार वैसे तो बहुत कम बोलते हैं लेकिन जब बोलते हैं तो सामने वाले को भेद डालते हैं। महात्मा गाँधी को आज श्रद्धांजलि देने पहुंचे कुमार से पत्रकारों ने कई सवाल किये। पहले तो वे मौन रहना चाहते थे लेकिन जब पत्रकारों ने कुरेदना शुरू किया तो तो वे भी खुल गए। कुछ बमके तो कुछ हमलावर भी हुए। कहने लगे कि आपलोग इधर उधर की बात क्यों करते हैं / कौन क्या है यह कौन नहीं जनता! बीजेपी वाले तो अभी बहुत कुछ बोलते हैं। समय आने दीजिये। उनकी सच्चाई सामने आ जाएगी। इन्ही लोगों ने हमें हमारी पार्टी को चुनाव में हरवाया। हम गलत थे कि इसके साथ दुबारा चले गए। अब कभी नहीं जा सकते। मर जायेंगे लेकिन इनके साथ नहीं जा सकते। अब आगे का चुनाव देखिये। आगे के चुनाव में देखिएगा, चिंता मत कीजिए। बिहार को ठीक से जान लीजिये।
नीतीश जी फिर पूरे रौ में आ गए। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी पहले वाली पार्टी नहीं है। यह अटल आडवाणी की पार्टी नहीं है। अभी नए लोग हैं। उनकी नयी राजनीति है। यही बीजेपी वाले मेरे साथ रहते हुए हमेशा लालू प्रसाद और तेजस्वी को फ़साने का काम किया। अब सब पता चलेगा। अब हमारे साथ तेजस्वी हैं, इन्हें दूर करने के लिए फिर से बीजेपी फंसाने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बापू तो सबको बचा रहे थे, सबको लेकर चलते थे, इसलिए तो उनकी हत्या हुई। ये किसी को नहीं भूलना है, ये लोग जितना भी भुलवाना चाहें, झगड़ा करवाना चाहें भूलना नहीं है। हमें तो मर जाना कबूल है, उनके साथ जाना कबूल नहीं है।
नीतीश ने ये भी कहा कि हमें अल्पसंख्यक का भी वोट मिला, अब भाजपा सब भूल गई कि वोट कैसे मिला था। इस बार हमें ही हराकर हमारा ही वोट लेकर जीत गए और अब बोल रहे हैं। हम तो अटल-आडवाणी के पक्ष में थे, अब ये लोग जो आ गए हैं। सब कुछ बदल रहे हैं। नाम बदल रहे हैं।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि 2017 में बीजेपी आगे पीछे लग गई थी। तब हम उनके साथ चले गए। बाद में लग गया कि वे बिल्कुल गलत है। 2020 के चुनाव में जो हमारे साथ किया। हम बनना नहीं चाहते थे। जबरदस्ती मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया, मैं बनना नहीं चाहता था। उन्होंने कहा कि जब हमारे साथ एलायंस था तो 2005 और 2010 के चुनाव में कौन कितना सीट जीता था। उस समय भी गडबड़ी करता था, झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना जैसी पार्टी को बिहार में लड़वाता था। उनका सिंबल तीर धनुष था जिससे हमारे वोटर भ्रमित हो जाते थे। उससे हमारे 5-7 लोग चुनाव हार जाते थे। जब एलायंस नहीं था तो 2015 में कितना सीट आई थी।